महानवमी की महिमा :
कल नवरात्री का नौवां दिन अर्थात नवमी तिथि है | आज के इस पवित्र दिन पर हम भक्तजन माँ दुर्गा के नौवे स्वरुप माँ सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना करते है | 'सिद्धिदात्री' दो शब्दों से मिल कर बना है सिद्धि और दात्री | सिद्धि का अर्थ है शक्ति और दात्री का अर्थ है प्रदान करने वाली | ऐसी एक प्रचलित कहानी है की आज के ही दिन माँ दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था जिस वजह से हम माँ को एक और नाम 'महिषासुरमर्दिनी' से भी जानते हैं |
माँ सिद्धिदात्री की आज के दिन पूजा करने से भक्तजन शक्ति और विभिन्न सिद्धियों पर अपनी कमान अर्जित कर सकते है |
माँ सिद्धिदात्री का व्यापक स्वरुप |
माँ सिधिदात्री का स्वरुप :
माँ सिद्धिदात्री अपने चतुर्भुज रूप में कमल पर विराजमान हैं | उन्होंने अपने चारो हाथों में कमल, अस्त्र, सुदर्शन चक्र और शंख धारण कर रखा है | माँ सिद्धिदात्री अपने इस स्वरुप में अपना रोष त्याग कर प्रार्थियों की प्रार्थना सुनती हैं और उनको धन धान्य से भर देती है | माँ के चारो ओर सिद्ध, गन्धर्व, यक्ष, असुर और देवता गण अपने अपने विधान से माँ को प्रसन्न करने की कोशिश करते है |
महानवमी पूजन मुहूर्त :
![]() |
माँ की आरती का एक दृश्य |
आइये हम आपको आज माँ सिद्धिदात्री के पूजन का पवित्र मुहूर्त बताते हैं |
नवमी तिथि प्रारम्भ = 04/अप्रैल/2017 को सुबह 11:20 बजे
नवमी तिथि समाप्त = 05/अप्रैल/2017 को सुबह 10:04 बजे
नवमी तिथि समाप्त = 05/अप्रैल/2017 को सुबह 10:04 बजे
बताये गए मुहूर्त में आप कभी भी माँ सिद्धिदात्री की पूजा कर सकते हैं और अष्ट सिद्धियों की प्राप्ति कर सकते हैं|