क्या है खरमास ?
खरमास का अर्थ है ख़राब महीना। यह एक ऐसी समय अवधि है जिसमे हिन्दू धर्म में किये जाने वाले कोई भी शुभ और मंगल काम वर्जित है। हिन्दू मान्यता के अनुसार, इस एक महीने तक शुभ कार्य नहीं होते। वैदिक ज्योतिष और हिन्दू पंचांग गणना के अनुसार सूर्य एक राशि में एक महीने तक रहता है।
जब सूर्य 12 राशियों का भ्रमण करते हुए बृहस्पति की राशियो, धनु और मीन, में प्रवेश करता है, तो अगले 30 दिनों यानि एक महीने की अवधि को खरमास कहा जाता हैं।
खरमास में कभी भूलकर भी ना करें ये काम :
लौकिक मान्यता है कि खरमास में विवाह आदि शुभ कार्य वर्जित है। भवन-निर्माण संबंधित कार्य भी नहीं किये जाते हैं। कोई नया निवेश या व्यवसाय आदि भी नहीं शुरू की जाती है। इस अवधि में बच्चे का मुंडन संस्कार भी नहीं होता है, साथ ही लोग नए घर में गृह-प्रवेश भी नहीं करते हैं।
क्या करें फिर खरमास में ?
लौकिक मान्यता है कि खरमास के दौरान कई शुभ काम नहीं किये जाते हैं, जैसे विवाह आदि जैसे कार्य नही होते हैं। लोग सिर्फ ईश्वर-भजन, पूजा-पाठ आदि कर सकते हैं। मान्यता है कि इस अवधि में अनुष्ठान, यज्ञ, पूजा-पाठ, हवन आदि करना अच्छा माना गया है।
कब से कब तक है खरमास ?
इस साल 14 मार्च को सूर्य कुंभ राशि से निकल कर मीन राशि में प्रवेश कर रहा है। इसे मीन संक्रांति भी कहते हैं। यह खरमास 13 अप्रैल तक कायम रहेगा।