स्वामी विवेकानंद के जीवन पर एक नज़र :
कलकत्ता के एक छोटे से बंगाली परिवार में जन्मे नरेन्द्रनाथ दत्त को क्या आप जानते है ?
शायद नहीं | शायद हाँ |
शायद आप एक युगपुरुष को उसके बचपन के नाम से भले न जानते हो पर सारा जग उन्हें स्वामी विवेकानंद के नाम से जनता है | भारतीय दर्शन को विश्व पटल पर ले जाने के लिए और पश्चिम में आध्यात्म और योग देने में स्वामी जी का महत्वपूर्ण योगदान रहा | स्वामी जी ने अपने छोटे से जीवन काल का कितने सही मायनो में सदुपयोग किया है ये बात हम सिर्फ इस बात से जान सकते है की आज उनके देहावसान के 114 वर्षों बाद भी हम उनकी बाते कर रहे है, उनके कथन के अर्थ ढूंढ रहे है और उनके दिखाए मार्ग पर चल रहे है | विश्व में ऐसी ढेरों विभूतिया हुई हैं जिन्होंने स्वामी जी के बताये माध्यम से जीवन का सार पहचाना है | आइये हम आज आपको स्वामी जी के कुछ अद्भुत कथन पढ़ाते है जिसे पढ़ने के बाद निश्चय ही आपका जीवन बदल जायेगा |
स्वामी विवेकानंद के 10 अनमोल कथन :
1.दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो
|| In a conflict between the heart and the brain, follow your heart.
2.बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव का बड़ा रूप है
|| External nature is only internal nature writ large.
3.उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये
|| Arise, awake and stop not till the goal is reached
4.सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा
|| Truth can be stated in a thousand different ways, yet each one can be true.
5.जब तक आप खुद पे विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पे विश्वास नहीं कर सकते
|| You cannot believe in God until you believe in yourself.
6.उस व्यक्ति ने अमरत्त्व प्राप्त कर लिया है, जो किसी सांसारिक वस्तु से व्याकुल नहीं होता
|| That man has reached immortality who is disturbed by nothing material
7.श्री रामकृष्ण कहा करते थे ,” जब तक मैं जीवित हूँ , तब तक मैं सीखता हूँ ”. वह व्यक्ति या वह समाज जिसके पास सीखने को कुछ नहीं है वह पहले से ही मौत के जबड़े में है
|| Shri Ramakrishna used to say, “As Long as I Live, so long do I learn”. That man or that society which has nothing to learn is already in the jaws of death.
8.धन्य हैं वो लोग जिनके शरीर दूसरों की सेवा करने में नष्ट हो जाते हैं
|| Blessed are they whose bodies get destroyed in the service of others.
9. जब लोग तुम्हे गाली दें तो तुम उन्हें आशीर्वाद दो . सोचो , तुम्हारे झूठे दंभ को बाहर निकालकर वो तुम्हारी कितनी मदद कर रहे हैं
|| Bless people when they revile you. Think how much good they are doing by helping to stamp out the false ego.
10. जो अग्नि हमें गर्मी देती है , हमें नष्ट भी कर सकती है ; यह अग्नि का दोष नहीं है
|| The fire that warms us can also consume us; it is not the fault of the fire.