ahoi ashtami

Ahoi Ashtami Vrat | संतान प्राप्ति के लिए रखे अहोई अष्टमी का व्रत



अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पछ की अष्टमी तिथि को रखा जाता है । यह व्रत संतान की प्राप्ति, दीर्घायु और सुखमय जीवन की कामना करने के लिए पुत्रवती स्त्रियो द्वारा रखा जाता है । यह व्रत करवाचौथ के ठीक ४ दिन बाद और सबसे बड़ी बात इस दिन निर्जला व्रत रखा जाता है । इस वर्ष अहोई अष्टमी का व्रत २२ अक्टूबर २०१६ को रखा जायगा ।  

अहोई अष्टमी का व्रत, Ahoi Ashtami Vrat , Ahoi mata pooja , Ahoi Ashtami Fast

अहोई अष्टमी व्रत विधि । Ahoi Ashtami Vrat Vidhi 

अहोई अष्टमी के दिन पुत्रवती महिलाये पुरे दिन अहोई माता का उपवास रखती है और अपने संतान के सुखमय जीवन और दीर्घायु की कामना करती है । अहोई अष्टमी की पूजा के लिए घेरु से दीवार पर अहोई माता का चित्र बनाया जाता है । सांयकाल में अहोई माता की कथा सुनने के बाद इस चित्र की विधिविधान से पूजा करी जाती है । इसके बाद तारो को जल देकर व्रत का समापन किया जाता है और कही कही चंद्रमा को जल देकर व्रत का समापन करने की भी परम्परा है । ऐसा बताया जाता है कि इस व्रत से संतान के जीवन में सुख समृद्धि बढ़ती है । 

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अहोई अष्टमी महूर्त । Ahoi Ashtami Mahurat

इस वर्ष अहोई अष्टमी का व्रत २२ अक्टूबर २०१६ को रखा जायगा । सायंकाल में अहोई माता की पूजा की जाती है । पूजा करने का शुभ समय शाम ५:४० से लेकर ६:५७ तक है । इस समय पूजा करना शुभ माना जायगा । और जल देकर व्रत समापन का समय शाम ६:०८ से लेकर ११:४३ तक बताया गया है । 

संतान प्राप्ति के लिए अहोई अष्टमी का व्रत । Ahoi Ashtami Fast For Children

जिस घर में संतान का सुख प्राप्त नहीं हो पा रहा है तो जरूर रखे अहोई माता का व्रत । ऐसा बताया जाता है कि जो महिलाए अपनी संतान को जन्म नहीं दे पा रही है और अहोई माता का विधिविधान से व्रत रखती है तो अहोई माता उनकी जरूर सुनती है और उनकी गोद भरती है । संतान प्राप्ति के लिए अहोई अष्टमी का व्रत अमोघफल दयाक होता है । 


हम आपके लिए और आपकी संतान के लिए दीर्घायु की कामना करते है। अधिक जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाइट www.mangalmurti.in पर भी जा सकते है । 



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