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जानिये क्यों कहते है वाराणसी को भारत की आध्यात्मिक राजधानी Why Varanasi is known as spiritual capital of India



जानिये क्यों कहते है वाराणसी को भारत की आध्यात्मिक राजधानी

वाराणसी  उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है। यह भारत की सबसे पवित्र शहर है और गंगा नदी के तट पर स्थित है।वाराणसी का नाम  वरुण( varuna ) और असि (asi ) नामक दो जल निकायों की वजह से पड़ा जिनके बीच ये स्थित है.  ये जल निकाय गंगा नदी के ही सहायक नदियाँ है। इस शहर का एक बहुत अमीर पौराणिक अतीत है यह माना जाता है कि भगवान शिव ने खुद वाराणसी को स्थापित किया था. अपनी  धार्मिक इच्छाओं को पूरा करने के लिए लोगों की  बहुत बड़ी संख्या पूरे साल यहाँ आती रहती है. जिसे भगवान की गोद में कुछ समय बिताने का मन है , उसके लिए वाराणसी स्वर्ग समान जगह है ।

गंगा के किनारे बसी है वाराणसी 
पूरी दुनिया की सबसे पुराना शहर है वाराणसी 
भारत की आध्यात्मिक राजधानी है वाराणसी 
भगवान् शिव की रचना है वाराणसी 
स्कन्द पुराण में उल्लेख है , ऐसी पवित्र जगह है वाराणसी 
करोड़ो भक्तो की  श्रद्धा का केंद्र है वाराणासी 
कबीर और रविदास की जन्मभूमि है वाराणसी
काशीविश्वनाथ मंदिर का घर है वाराणसी 
हमारे देश की पहचान  है वाराणसी 

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वाराणसी : भारत की आध्यात्मिक राजधानी

निम्नलिखित कारणों की वजह से वाराणसी को भारत की आध्यात्मिक राजधानी मानते है

1 . काशी विश्वनाथ मंदिर, संकट मोचन मंदिर और दुर्गा मंदिर 


 वाराणसी में मंदिरों की वजह से यह भारत की धार्मिक राजधानी के रूप में जाना जाता है । इस शहर में बहुत विस्तृत मंदिर है। वहाँ हिंदुओं के द्वारा पूजे जाने वाले विभिन्न देवताओं के लिए अलग-अलग मंदिर हैं। 

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कशी विश्वनाथ मंदिर 
इन मंदिरों में  कई अद्वितीय और आकर्षक मंदिर है ।  काशी विश्वनाथ मंदिर, संकट मोचन मंदिर और दुर्गा मंदिर सबसे प्रमुख मंदिर है । काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी के सबसे प्रसिद्ध मंदिर है और भगवान शिव को समर्पित है। संकट मोचन मंदिर हनुमान जी के भक्तों के लिए है और मंदिर के आसपास के क्षेत्र में बंदरों की बड़ी संख्या दिखाई देती है.

2. सारनाथ -


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सारनाथ 
काशी या वाराणसी से १३ km दूर सारनाथ के मंदिर है. ये वो जगह है जहाँ गौतम बुद्ध अपने ज्ञान प्राप्ति (  प्रबुध्द ) के बाद सबसे पहले गए थे. यहाँ बहुत ही शांत वातावरण है और ज्यादेतर लोग यहाँ ध्यान करने के लिए आते है जहाँ वो  भगवान्  के करीब महसूस करते है.


३. रामनगर किला - 

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रामनगर किला 


यह किला गंगा के पूर्वी तट पर स्थित है जो मुख्य शहर के तुलसी घाट से  विपरीत। वाराणसी के शाही परिवार यहाँ रहते  है। किले एक महान मुगल शैली की वास्तुकला के अनुसार बना है और इसमें  बहुत ही आकर्षक संग्रहालय है। यह अलग अलग प्रकार के गहने, हथियारों और पुरानी कार  है।

4. वाराणसी के घाट - 

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वाराणसी के घाट 
वाराणसी की  सबसे बड़ी पहचान और प्रमुख विशेषता उसके घाट हैं।यहाँ ८७ घाट है.  ये लंबी सीढ़िया है जो गंगा के किनारे बनी है. ये घाट सभी प्रकार के अनुष्ठानो  के लिए प्रसिद्ध हैं। उनमें से कुछ पर आरती होती है और कुछ  पवित्रतम श्मशान की वजह से प्रसिद्ध  है।  सबसे प्रसिद्ध Dassashwamedha घाट, मणिकर्णिका घाट और अस्सी घाट हैं।  यह कहा जाता है कि इन घाटों के पास नदी में डुबकी लगाने से व्यक्ति को  सभी पापों से शुद्धि मिलती  है।


 5. ज्ञानवापी मस्जिद -


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ज्ञानवापी मस्जिद 
 इस मस्जिद को महान औरंगजेब ने बनवाया था । इस मस्जिद शहर के दिल में स्थित है और उच्च मीनारों की वजह से प्रसिद्ध  है। औरंगजेब ने मूल काशी विश्वनाथ मंदिर को नष्ट करने के बाद इस मस्जिद का निर्माण किया था इसलिए ये मस्जिद कई विवादों में रहती है. 



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