श्रीमद्भागवत गीता अपने आप में एक उपाय है आज के समय और समाज के किसी भी परेशानी की | पर हम इस ग्रन्थ के शब्दों की जटिलता की वजह से इसे समझ नहीं पाते | पर आज हम आपके लिए लेकर आये हैं गीता के 5 ऐसे पाठ जिनके नित्य पालन करने पर निश्चित सफलता हमारे क़दमों में होगी |
1. जो भी हुआ वो भले के लिए था, जो भी हो रहा है वो भले के लिए हो रहा, जो भी होगा वो भले के लिए होगा :
2. यह संसार नश्वर है, तो हर जन्म लेने वाले को एक दिन मरना पड़ेगा :
अगर कुछ इस पृथ्वी पर सत्य है तो वो है हर जन्म लेने वाले का मरना | हमारे जन्म लेते ही ये बात सुनिश्चित हो जाती है की हमारी मृत्यु भी होगी | इस धरती पर कोई भी अनंतकाल के लिए जीवित नहीं रहता | कोई भी कला, जादू या चमत्कार इस सत्य को नहीं बदल सकता |3.आत्मा अमर है और शरीर नश्वर :
4. कर्म करो, फल की चिंता ना करो :
आमतौर पर हम जब भी कोई काम शुरू करने वाले होते है तो उससे पहले उसके फलस्वरूप में हमें क्या मिलेगा ऐसा सोचते है | उस काम को लेके सोचने के बजाय उससे आने वाले सुख अथवा दुःख की पूर्व ही कल्पना कर के सुखी अथवा दुखी हो जाते हैं | जबकि हमें सिर्फ और सिर्फ अपने कर्म पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि सिर्फ कर्म ही हमारा परिचय देगा |5. हम इस धरती पर खाली हाथ आये थे और खाली हाथ ही जायेंगे :
हम जब जन्म लेते है तब हमारी मुट्ठी बंद होती है जिसमे कुछ नहीं होता और जब हमारी मृत्यु होती है तब हमारे दोनों हाथ खुले रहते है जिसमे भी कुछ नहीं रहता | ये दोनों दशा इस बात का प्रतीक है की हम इस धरती पर खाली हाथ ही आते हैं और खाली हाथ ही जायेंगे | जो लोग लोभ वश अपनी धन संपदा का सदुपोग नहीं करते उन्हें ये बात समझनी चाहिए और अपनी जीवित अवधि में अनेक प्रेरनादायी कर्म करने चाहिए |