छठ पूजा कथा | Story behind celebration of Chhath Pooja
एक समय की बात है एक राजा थे प्रियव्रत और उनकी पत्नी थी मालिनी। दोनों के कोई संतान नहीं थी जिस कारण वो दोनों बहुत दुखी थे. उन्होंने संतान प्राप्ति के लिए महर्षि कश्यव से यज्ञ करवाया , जिसके प्रभाव से मालिनी गर्ववती परंतु जब संतान पैदा हुई तो वो मृत थी. राजा प्रियवृत से ये सहा नहीं गया और उन्होंने आत्महत्या का निर्णय ले लिया।जैसे ही वो आत्महत्या करने वाले थे तभी एक देवी प्रगट हुई और उन्होंने बताया की वो षष्टी देवी है और जो उनकी पूजा करता है उसे संतान प्राप्ति होती है। देवी ने प्रियवृत को अपनी पूजा करने को कहा औरआशीर्वाद दिया। प्रियव्रत और उसकी पत्नी ने खूब मन से देवी की पूजा की और उन्हें पुत्र प्राप्त हुआ.
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छठ पूजा कथा |
तभी से कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष के षष्टी को छठ पूजा करी जाती है। इस दिन अनुष्ठान किये जाते है और पुत्र प्राप्ति के लिए व्रत रखे जाते है।
छठ पूजा उत्तरप्रदेश , बिहार, झारखण्ड और नेपाल में बड़े धूम धाम से मनाया जाता है। इस दिन सूर्य देव और षष्टी देवी की पूजा कर उन्हें प्रसन्न किया जाता है और संतान( पुत्र) प्राप्ति के लिए वृत्त रखा जाता है। ये त्यौहार चार दिनों तक मनाया जाता है.
मंगलमूर्ति परिवार की और से आप सबको छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाये।
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