आप दिन में समोसा कितनी बार खाते है ? एक बार, दो बार या बस जलेबी से एक बार कम ? कितनी बार हम इन पकवानों के पीछे मीलों दूर तक चले जाते है पर क्या हमको ये पता है की ये पकवान भारत से मीलों दूर बसे किसी और देश में खोजे गये है | क्यों लग गया न झटका ? बात थोड़ी खटकती है की भाई समोसा किसी और देश की खोज कैसे हो सकता है मैंने तो हमेशा से ही समोसा वो पीपल वाले पेड़ के नीचे वाले हलवाई की दूकान से खाए है और माँ बाबूजी हमेशा यही बताते हैं की उस हलवाई की कई पीढियाँ सदियों से समोसा ही बना रही है |फिर ऐसा कैसे हो सकता है की समोसा किसी और देश की खोज हो गयी ? तो आइये आपकी इस ग़लतफ़हमी को किसी और गोला पर छोड़ आते है और आपको उन सारे पकवानों का नाम बताएँगे जो हिन्दुस्तान की होक भी उसकी नहीं है |
1. गुलाब जामुन :
गुलाब जामुन का नाम सुनते ही सबसे पहले मुह में पानी भर जाता है | बचपन से हम गुलाब जामुन के पीछे दीवाने है पर हमें ये नहीं पता की गुलाब जामुन भारत का स्वादिष्ट नहीं बल्कि पर्शिया की मिठाई है | जी हाँ गुलाब जामुन का असली नाम 'गुलआब' था जो दो शब्दों से मिलकर बना गुल और आब | 'गुल' का मतलब फूल और 'आब' का मतलब पानी होता है |
2. दाल-भात :
भारत का सर्व सामान्य भोजन दाल-चावल जिसे हम भारत के कुछ हिस्से में दाल भात भी कहते है दरअसल भारत का नहीं है | इस भोजन का जन्म नेपाल देश में हुआ था जहाँ पहले एक ही बर्तन में बारी बारी दोनों चीजे बनायीं जाती थी |
3. राजमा :
उत्तर भारत की सबसे मशहूर डिश अगर कोई है तो वो है राजमा | आप हर घर में राजमा चावल बनता देखते होंगे पर शायद आपको ये नही पता की जिस राजमा चावल के ऊपर हम इतना गुमान करते हैं दरअसल वो हमारा नहीं है | जी हाँ राजमा के बीजों का उत्पादन भारत में पुर्तगाल द्वारा हुआ था | राजमा मुख्यतः मेक्सिको में पाया जाता है |
4. समोसा :
अगर अपने आस पास देखे तो सबसे आसानी और सुगमता से उपलब्ध अगर कोई खाने लायक सामग्री है तो वो है समोसा | पूरा उत्तर भारत सिर्फ समोसे पर ही जीवन यापन करता है | अगर उन बारिश के दिनों में ये गरम समोसे चाय के साथ ना होते तो शायद बारिश इस कदर अच्छी नहीं लगती | पर हम समोसे का भी क्रेडिट खुद नहीं ले सकते क्योंकि समोसे की खोज दसवी शताब्दी में मध्यपूर्वी एशिया में हो गयी थी | वहाँ इसे 'सम्बोसा' के नाम से जाना जाता था |
5. जलेबी :
जलेबी तो एक ऐसा स्वादिष्ट है जो सबसे टेढ़ा मेधा होने के बाद भी सबसे मीठा है | जलेबियों की भी खोज मद्ध्यपुर्वी एशिया में ही हुई थी | वह अरबी भाषा में इसे 'ज़लिबिया' कहते थे और पर्सियन भाषा में 'ज़लाबिया' | हमें हमेशा से लगता था की ये तो हमारी ही खोज है पर हमें अब पता चला की जलेबी सच में टेढ़ी है |