साईं बाबा के विचार :
साईं बाबा की महिमा और सादगी भरे जीवन से हर कोई प्रभावित हो जाता है | वो हैं भी वैसे ही | 'सबका मालिक एक' और 'श्रद्धा सबूरी' का मंत्र देने वाले साईं आज के इस पाप से भरे युग में भी सकारात्मक सोच के प्रेरणास्रोत है | साईं ने हमेशा ईश्वर को पाने के लिए कोई असाधारण काम करने को नहीं कहा उन्होंने तो समाज को यही बताया की आप नित्य किये जाने सेल सरल साधारण काम करके भी ईश्वर का भजन और उन्हें पा सकते हैं | साईं बाबा को दुनिया भर में लाखो लोगो ने अपना गुरु माना है और इस दुनिया के भवसागर से निकलने के लिए नियमित रूप से गुरु वंदना करते हैं | तो आइये हम आपको आज साईं बाबा की आरती पढवाते हैं जिसके हर गुरुवार संध्या बेला में पाठ करने से आप अपार सकारात्मक उर्जा के धनि हो जायेंगे |: साईं बाबा जी की आरती :
आरती श्री साईं गुरुवर की |
परमानन्द सदा सुरवर की ||
जा की कृपा विपुल सुखकारी |
दुःख, शोक, संकट, भयहारी ||
शिरडी में अवतार रचाया |
चमत्कार से तत्व दिखाया ||
कितने भक्त चरण पर आये |
वे सुख शान्ति चिरंतन पाये ||
भाव धरै जो मन में जैसा |
पावत अनुभव वो ही वैसा ||
गुरु की उदी लगावे तन को |
समाधान लाभत उस मन को ||
साईं नाम सदा जो गावे |
सो फल जग में शाश्वत पावे ||
गुरुवासर करि पूजा - सेवा |
उस पर कृपा करत गुरुदेवा ||
दे दर्शन, जानत जो मन में ||
विविध धर्म के सेवक आते |
दर्शन कर इच्छित फल पाते ||
जै बोलो साईं बाबा की |
जो बोलो अवधूत गुरु की ||
'साईंदास' आरती को गावे |
घर में बसि सुख, मंगल पावे ||