महाभारत का कौन सा योद्धा पैदा होते ही हो गया था युवा :-
आप सभी ने महाभारत की कहानी तो सुनी होगी लेकिन क्या आप को पता है की कौन सा योद्धा जिसने महाभारत के महान युद्ध में भाग लिया और वह अपने जन्म होते ही हो गया था युवा? तो आज हम आपको ऐसे ही एक अदभुत योद्धा की कहानी बताने जा रहे हैं।
एक बार जब पाण्डवों को अज्ञातवास में वन में विचरण के दौरान माता कुंती को प्यास लगी तो भीम माता कुंती के लिए जल लेने के लिए अकेले वन में निकल गए तो उन्होंने एक जलाशय देखा और उस जलाशय में सबसे पहले स्वयं जल पिया फिर माता कुंती के लिये जल लेकर जैसे ही निकले ही थे की तभी एक हिडम्बा नाम की राक्षशी जिसको उसी के राक्षश भाई हिडिम्ब ने भीम और पांडवों को मारने के लिए भेजा था, वह महाबलशाली भीम के बलिष्ठ एवं सुन्दर शरीर को देखकर उसपर मोहित हो गयी और अपनी राक्षशी माया से एक अत्यंत सुंदरी का रूप बनाकर भीम के सामने आ गयी और भीम से बोली की हे राजकुमार मैं आपसे विवाह करना चाहती हूँ।
इतना सुनकर भीम बोले हे सुंदरी आप कौन हैं कृपया अपना पूर्ण परिचय दें। तब हिडिम्बा ने बताया की मैं राक्षस राज हिडम्ब की बहन हूँ और मेरे भाई ने आपको मारने के लिए भेजा है लेकिन मेरा दिल आप पर आसक्त हो गया है और मैंने आपको अपना ह्रदय से पति मान लिया है। मेरा भाई बहुत ही दुष्ट और क्रूर है आप यहाँ से जल्दी से मुझे साथ लेकर प्रस्थान कर जाइये।
और इतने में ही हिडम्ब वहां पर आ पंहुचा और भीम को अपनी बहन हिडम्बा के साथ बाते करते हुए बहुत ही क्रोधित हो गया और अपनी बहन हिडिम्बा से बोला की मैंने तो तुझे इसको मारने के लिए भेजा था लेकिन तू तो इसके साथ ही बातें कर रही है। और फिर वह जैसे ही हिडिम्बा की ओर उसको मारने के लिए झपटा तो भीम ने उसको रोककर कहर कि हे दुष्ट तुझे एक स्त्री पर हाथ उठाते हुए शर्म नहीं आती तू अगर इतना ही ताकतवर है तो मुझसे युद्ध कर। और फिर भीमसैन और हिडिम्ब का भीषड़ मल्लयुद्ध हुआ। और इधर पांडव और कुंती भी युद्ध की आवाजे सुनकर वहाँ आ गए। और दोनों के बीच भयंकर युद्ध होता देख अर्जुन ने अपना धनुषबाण चढ़ा लिया किन्तु भीम ने अर्जुन से कहा कि अर्जुन ये मेरा शिकार है तुम बाण मत छोड़ो। और फिर भीम ने हिडम्ब को हवा में घुमाकर जोर से जमीन पर पटक कर वध कर दिया।
और हिडम्ब को मारकर जब सभी पांडव कुंती सहित वहाँ से प्रस्थान करने लगे तो हिडम्बा कुंती के चरणो में गिरकर बोली प्राथना करने लगी कि हे माता मैंने आपके पुत्र भीमसैन को अपना पति मान लिया है और मैं इनसे विवाह करके आपके चलूंगी। अगर आप सभी ने मुझे स्वीकार नहीं किया तो मैं इसी समय अपने प्राण त्याग दूंगी। और हिडिम्बा का भीम के प्रति प्यार और समपर्ण देखकर युधिष्ठर ने हिडिम्बा से कहा कि आज से मैं तुम्हे अपना भाई सौंपता हूँ लेकिन मेरी एक शर्त है कि मेरा भाई केवल दिन में ही तुम्हारे साथ रहेगा और रात के समय वह हमारे साथ वन में ही रहेगा। और फिर हिडिम्बा ने युधिष्ठर की शर्त मानली और इस प्रकार महाबलशाली भीम का विवाह एक राक्षश कुल की शक्तिशाली सुंदरी हिडिम्बा के साथ हुआ।
और इस तरह हिडिम्बा और भीम के विवाह को जब एक वर्ष हो हिडिम्बा के गर्भ से एक चमत्कारी और बहुत ही शक्तिशाली बालक का जन्म हुआ और जो अपने जन्म के बाद अदभुत तरीके से से पैदा होते ही युवा हो गया। और इसके केश न होने के कारण इसका नाम घटोतकच्छ रखा गया। और आगे चलकर इस मायावी और महा बलवान भीमपुत्र ने महाभारत के युद्ध में कौरवों के दांत खट्टे कर दिए थे और घटोतकच्छ सदा के लिए इतिहास में वीर योद्धा बन गया।