Hinduism

जब भगवान शिव ने चंद्रमा के श्राप को बदल दिया वरदान मे | How Lord Shiva turned Moon's wounds into wisdom



किसने दिया था चन्द्रमा को श्राप ?

शिव पुराण की कहानी के अनुसार प्राचीन काल में राजा दक्ष ने अश्विनी समेत अपनी 27 कन्याओं का विवाह चंद्रमा से किया था | 27 कन्याओं का पति बनके चंद्रमा बेहद प्रसन्न थे | कन्याएं भी चंद्रमा को वर के रूप में पाकर अति प्रसन्न थीं | लेकिन ये प्रसन्नता ज्यादा दिनों तक कायम नहीं रह सकी | क्योंकि कुछ दिनों के बाद चंद्रमा उनमें से एक रोहिणी पर ज्यादा मोहित हो गए |


ये बात जब राजा दक्ष को पता चली तो वो चंद्रमा को समझाने गए। चंद्रमा ने उनकी बातें सुनीं, लेकिन कुछ दिनों के बाद फिर रोहिणी पर उनकी आसक्ति और तेज हो गई | जब राजा दक्ष को ये बात फिर पता चली तो वो क्रोध में चंद्रमा के पास गए | उन्होंने कहा कि ‘मैं तुम्हें पहले भी समझा चुका हूं | लेकिन लगता है तुम पर मेरी बातों का कोई प्रभाव नहीं पड़ा, इसलिए मैं तुम्हें श्राप देता हूं कि तुम क्षयरोग से पीड़ित हो जाओगे |’ राजा दक्ष के इस श्राप के तुरंत बाद चंद्रमा क्षयरोग से ग्रस्त होकर धूमिल हो गए | उनकी रोशनी जाती रही |

कैसे चन्द्रमा हुए श्राप मुक्त ?

ये देखकर ऋषि मुनि बहुत परेशान हुए | इसके बाद सारे ऋषि मुनि और देवता इंद्र के साथ भगवान ब्रह्मा की शरण में गए | ब्रह्मा जी ने उन्हें एक उपाय बताया | उपाय के अनुसार चंद्रमा को सोमनाथ में भगवान शिव का तप करना था और उसके बाद ब्रह्मा के अनुसार, भगवान शिव के प्रकट होने के बाद वो दक्ष के श्राप से मुक्त हो सकते थे |

चंद्रमा ने ब्रह्मा द्वारा बताए गए उपायों का अनुसरण किया | वे छह महीने तक शिव की कठोर तपस्या करते रहे | चंद्रमा की कठोर तपस्या को देखकर भगवान शिव प्रसन्न हुए |  भगवान शिव ने चंद्रमा को दर्शन देकर वर मांगने को कहा | चंद्रमा ने वर मांगा कि ‘हे भगवन, अगर आप मुझसे प्रसन्न हैं तो मुझे इस क्षयरोग से मुक्ति दीजिए और मेरे सारे अपराधों को क्षमा कर दीजिए’ | भगवान शिव ने कहा कि ‘तुम्हें जिसने श्राप दिया है वो भी कोई साधारण व्यक्ति नहीं है | लेकिन इस श्राप का मध्य का मार्ग निकालने का पूरा प्रयास कंरूगा |’ 


शिव इस श्राप का मध्य का मार्ग निकालते हुए चंद्रमा से कहते हैं कि ‘एक माह में दो पक्ष होते हैं, उसमें से एक पक्ष में तुम निखरते जाओगे | लेकिन दूसरे पक्ष में तुम क्षीण भी होओगे | अर्थात तुम्हारी रोशनी कम होती जाएगी | ये पौराणिक रहस्य है चंद्रमा के शुक्ल और कृष्ण पक्ष का जिसमें एक पक्ष में वो बढ़ते हैं और दूसरे में वो घटते जाते हैं |



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