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महाभारत में कौन पात्र स्त्री के रूप में जन्म लेने के बाद हो गया था पुरुष ? Who has Changed his Sex to female in Mahabharat?



महाभारत में कौन पात्र स्त्री के रूप में जन्म लेने के बाद हो गया था पुरुष ? 

वैसे आपने महाभारत की पूरी कहानी पढ़ी या सुनी होगी।  किन्तु क्या आपको महाभारत के एक ऐसे किरदार के बारे में पता है जो जन्म के समय तो स्त्री के रूप में ही जन्मा था लेकिन बाद में वह एक पुरुष बन गया ? जी हाँ महाभारत के  एक पात्र की रहस्मयी कहानी ऐसी भी जो बहुत ही अचंभित करने वाली है।

भीष्म की विडंबना :


यह कहानी है शिखंडी की जो कि पूर्व जन्म से ही एक स्त्री के रूप में ही जन्म लेता था किन्तु एक घटना के बाद वह बाद में वह स्त्री से पुरुष बन गया। महाभारत के युद्धकाल में जब दुर्योधन ने भीष्म पितामह से उनकी भूमिका के बारे में जानकारी चाही तो भीष्म ने कहा कि मैं सबसे युद्ध कर सकता हूँ। और मुझे युद्ध में कोई नहीं हरा सकता है। किन्तु पांडवो के गट में सिर्फ एक ही शख्स ऐसा है जिससे मैं युद्ध नहीं कर सकता हूँ।  तब दुर्योधन ने आस्चर्यचकित होकर भीष्म से पूछा तो कहा कि मैं शिखंडी से युद्ध नहीं कर सकता क्योंकि वह एक स्त्री के रूप में जन्मा है और युवा होने के बाद पुरुष बन गया है। तब भीष्म ने दुर्योधन को शिखंडी के स्त्री  के पुरुष बनने की कहानी दुर्योधन को बताई। 

कौन थी अम्बा ? और उसका शिखिंडी से क्या था संबंध ?

जब हस्तिनापुर के राजा विचित्रवीर्य थे तब भरी सभा में मैं ( भीष्म ) उनके विवाह के लिए काशीराज की तीन पुत्रियों को हरण कर लाया था। किन्तु उसकी एक पुत्री अम्बा, राजा शाल्व से प्रेम करती थी तो उसके सम्मान में मैंने उसको राजा शाल्व के पास भेज दिया किन्तु राजा शाल्व ने अम्बा से विवाह करने से मन कर दिया। तब अम्बा को लगा की यह विपत्ति मेरे ही कारण आयी है।


फिर अम्बा मेरे गुरु परशुराम की शरण में गयी तो परशुराम ने अम्बा से मुझे विवाह करने का आदेश दिया किन्तु मैंने अपने आजीवन कुंवारे रहने दिए गए वचन के कारन अम्बा से विवाह करने से मन कर दिया तो परशुराम जी ने मुझसे क्रोध के कारण युद्ध किया। और फिर २३ दिनों के भीषण युद्ध के बाद भी जब युद्ध का कोई ;परिणाम न निकला तो मैंने 24 वें दिन अपने धनुष पर महाभयंकर पर्वा पास्त्र को जैसे ही चढ़ाया तो आकाश से नारद मुनि ने मुझे ऐसा करने से रोक दिया। और फिर परशुराम जी के पितृ भी प्रकट हो गए और उन्होंने परशुराम जी को युद्ध रोकने के लिए कहा। और युद्ध को  देख अम्बा वहाँ से क्रोधित होकर चली गयी और यमुना के किनारे मुझसे बदला लेने के लिए तप को  बैठ गयी।

क्या बना भीष्म की मृत्यु का कारण ?

तप करते करते अम्बा ने अपने प्राण त्याग दिए और अगले जन्म में भी उसने एक स्त्री के रूप में जन्म लिया। लेकिन उसे अपने पूर्व जन्म की घटनाएं याद रही और फिर दुबारा इस जन्मे में भी वह मुझसे बदला लेने के लिए  भोलेनाथ की तपस्या करने के लिए बैठ गयी। और भोले नाथ ने तपस्या से प्रसन्न होकर उसको उसको मेरी म्रत्यु कारण बनने का वरदान दे दिया। किन्तु अम्बा ने भोलेनाथ से कहा की वह तो स्त्री है तो भीष्म से कैसे बदला ले सकती है। फिर भोलेनाथ ने कहा कि वह अगले जन्मे में भी एक स्त्री के रूप में ही जन्म लेगी लेकिन युवावस्था में आने के बाद पुरुष बन जायगी। और भीष्म की म्रत्यु का कारण बनेगी। 


और इस तरह भोलेनाथ के वरदान के कारण ही अगले जन्म में अम्बा ने फिर एक स्त्री का जन्म लिया और उसका नाम शिखंडी पड़ा।  बाद में युवा होने पर वह एक पुरुष बन गयी और भीष्म की म्रत्यु का कारण बनी।  



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