संकटमोचन हनुमान बहुत ही सरल और भक्त्प्रेमी हैं | चूंकि वो खुद प्रभु श्री राम के भक्त है तो वो एक भक्त की अहमियत और प्रयासों से भलीभांति परिचित है | आमतौर पर हनुमान जी के सारे भक्त उनकी एक तरह से ही पूजा अर्चना करते हैं पर उन्हें ये नहीं पता की हर राशी के व्यक्ति की पूजा करने की दशा और दिशा अलग होती है | तो आइये आज हम आपको राशी के हिसाब से भगवान् हनुमान की पूजा कैसे करें ये बताएँगे |
किस राशी के जातक को किस प्रकार करनी होगी पूजा :
शास्त्रानुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को एकादश रुद्रावतार हनुमान जी का जन्म हुआ था | पंचांग के अनुसार हनुमान जी का जन्म पुर्णिमा तिथि और हस्त नक्षत्र के संयोग में हुआ था |
मेष: हनुमंत कवच का पाठ करें तथा हनुमान जी पर बूंदी चढ़ाकर गरीब बच्चों में बाटें |
वृष: रामचरितमानस के सुंदर-काण्ड का पाठ करें तथा हनुमान जी पर मीठा रोट चढ़ाकर बंदरों को खिलाएं |
मिथुन: रामचरितमानस के अरण्य-काण्ड का पाठ करें तथा हनुमान जी पर पान चढ़ाकर गाय को खिलाएं |
कर्क: हनुमंत कवच का पाठ करें तथा हनुमानजी पर पीले फूल चढ़ाकर जलप्रवाह करें |
सिंह: रामचरितमानस के बाल-काण्ड पाठ करें तथा हनुमान जी पर गुड़ की रोटी चढ़ाकर भिखारी को खिलाएं |
कन्या: रामचरितमानस के लंका-काण्ड का पाठ करें तथा हनुमान मंदिर में शुद्ध घी के 6 दीपक जलाएं |
तुला: रामचरितमानस के बाल-काण्ड का पाठ करें तथा हनुमान जी पर खीर चढ़ाकर गरीब बच्चों में बाटें |
वृश्चिक: हनुमान अष्टक का पाठ करें तथा हनुमानजी पर गुड़ वाले चावल चढ़ाकर गाय को खिलाएं |
धनु: रामचरितमानस के अयोध्या-काण्ड का पाठ करें तथा हनुमान जी पर शहद चढ़ाकर खुद प्रसाद रूप में खाएं |
मकर: रामचरितमानस के किष्किन्धा-काण्ड का पाठ करें तथा हनुमान जी पर मसूर चढ़ाकर मछलियों को डालें |
कुंभ: रामचरितमानस के उत्तर-काण्ड का पाठ करें तथा हनुमान जी पर मीठी रोटियां चढ़ाकर भैसों को खिलाएं |
मीन: हनुमंत बाहुक का पाठ करें तथा हनुमान जी के मंदिर में लाल रंग की ध्वजा या पताका चढ़ाएं |