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जिस भांग और ठंडई को महाशिवरात्रि का प्रसाद कहते है उसको बनाते कैसे हैं ? | How to prepare Thandai ?



ठंडाई प्राचीन और सही तरीके से बनाकर पीने से यह बहुत लाभदायक सिद्ध होती है । आजकल शॉर्ट कट का जमाना है। लेकिन शॉर्ट कट अपनाने के चक्कर में गुण दब जाते है। ठण्डाई गर्मी में अमृत तुल्य है बशर्तें सही तरीके से बनाई गई हो। ठण्डाई इसी तरह कुछ ठण्डी तासीर वाली चीजों का गुणकारी ठण्डा अमृत तुल्य पेय है जो पूरे शरीर को व दिमाग को बहुत ताकत देता है।


विशेषकर गर्मी के मौसम में इस स्वादिष्ट पेय का कोई विकल्प नहीं हो सकता। कहा जाता है कि जब शिव जी ने विषपान किया था तब देवताओं के वैद्य अश्विनी कुमारों और धन्वंतरि ने उन्हें भांग मिली हुई ठंडाई का लगातार सेवन कराया था। इससे वे विष की गर्मी भी झेल गए थे। इसीलिए ठंडाई में भांग मिलाकर शिवजी को भोग लगाया जाता है।

ठंडाई बनाने की विधि इस प्रकार है :

  • बादाम , खसखस , तरबूज के बीज , खरबूजे के बीज , ककड़ी के बीज , सौंफ , गुलाब की पत्तियां , काली मिर्च , इलायची तथा मुनक्का को पानी में भिगो दें। सभी सामग्री को रात भर पानी में भीगने दें। (  लगभग 5-6 घंटे  )
  • सुबह बादाम के छिलके हटा दें और सारी सामग्री पानी सहित अच्छे से बारीक पीस लें। सिलबट्टे पर पीस सकें तो बहुत अच्छा है अन्यथा ग्राइंडर में जितना हो सके बारीक पीस लें। इसका पानी कतई न फेंके ये पानी बहुत फायदेमंद होता है । पिसा हुआ ये पेस्ट अलग रख लें।
  • दूध में मिश्री व थोड़ी मात्रा (5 -6 पत्ती ) में केसर (स्वाद व कलर के लिए , नहीं डालेंगे तो भी चलेगा ) डाल कर उबाले और ठंडा कर लें  ।
  • पिसी हुई सामग्री में एक गिलास पानी डालकर साफ कपड़े से या बारीक छलनी से छान लें। थोड़ा थोड़ा करके पानी डालते जाएँ और छानते जाएँ। इस तरह पिसी सामग्री का सारा कस पानी के साथ छलनी से निकाल लें। ये लगभग दो गिलास होना चाहिए।
  • छलनी से निकले पानी में तैयार किया दूध मिला दें। आपके पास 6 गिलास स्वादिष्ट ठण्डाई तैयार है।
    थोड़ी बर्फ डालकर पिएं और पिलाएँ । स्वादिष्ट , असली और फायदेमंद ठंडाई का मजा लें।



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