अगर आपने शनि को अपना मित्र बना लिया तो आपके जीवन की आधी से ज्यादा बाधा एक क्षण में समाप्त हो जाएगी। इसी क्रम में हम आपके लिए लाये हैं एक ऐसी सूची जिसके अनुसार भगवान शनि की पूजा करने पर वो निश्चित ही आपपर प्रसन्न होंगे। तो आइये जानते हैं वो पांच मंत्र जो बना देंगे शनि को आपका मित्र।
कैसे शुरू करे इन मन्त्रों का जाप ?
शनिवार को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद कुश (एक प्रकार की घास) के आसन पर बैठ जाएं। सामने शनिदेव की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें व पंचोपचार से विधिवत पूजन करें। इसके बाद रूद्राक्ष की माला से नीचे लिखे हर मंत्र की कम से कम पांच माला जाप करें तथा शनिदेव से सुख-संपत्ति के लिए प्रार्थना करें। यदि प्रत्येक शनिवार को इस मंत्र का इसी विधि से जप करेंगे तो शीघ्र लाभ होगा।
मंत्र नंबर 1 :
ॐ शं शनैश्चराय नम:
मंत्र नंबर 2 :
ॐ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये। शं योरभि स्रवन्तु
मंत्र नंबर 3 :
ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्चराय नम:
मंत्र नंबर 4 :
ऊँ कृष्णांगाय विद्य्महे रविपुत्राय धीमहि तन्न: सौरि: प्रचोदयात
मंत्र नंबर 5 :
” नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्
छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामी शनैश्चरम् ”
हिंदी में नीलांजनसमाभासं मंत्र का अर्थ :
जो नीले और काले पर्वत की तरह चमकिला है, सूर्य के पुत्र और यम के बड़े भाई
छाया उनकी माँ और मार्तण्ड (सूर्य) उनके पुत्र , ऐसे शनिदेव को मैं नमन करता हूँ |