India

यहाँ पुरुष नहीं, बल्कि स्त्री रूप में पूजे जाते हैं राम भक्त हनुमान | The temple where Hanuman is worshipped in female form



*यह आर्टिकल राखी सोनी द्वारा लिखा गया है। 

जब भी कोई व्यक्ति संकट से जूझ रहा होता है तो वे सबसे पहले संकटमोचन हनुमान जी का ही स्मरण करता है। ऐसा कहा जाता है कि राम भक्त हनुमान अपने भक्तों के सारे संकट  हर लेते हैं। वैसे तो पूरे भारत वर्ष में हनुमान जी के कई मंदिर जगह-जगह देखने को मिलते हैं, लेकिन हम में से बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी होगी कि एक  ऐसा भी मंदिर है, जहां बजरंगी बलि पुरुष नहीं, बल्कि स्त्री रूप में विराजमान है। ये मंदिर गवालियर में स्थित है। स्त्री रूप में विराजमान हनुमान जी यहां आने वाले हर भक्त की मनोकामना पूर्ण करते हैं। हर दिन यहाँ भक्तोंं की भीड़ लगी रहती है।

रोज रात यहाँ टहलते हैं हनुमान :

ये मंदिर साधारण मंदिर नहीं है। यहां के निवासी बताते हैं कि रोज रात को यहाँ हनुमान जी मंदिर में टहलने आते हैं। इतना ही नहीं रात में अपने आप मंदिर के घंटे भी जोर-जोर से बजने लगते हैं। कुछ भक्त ऐसे भी है, जिन्होंने हनुमान जी को मंदिर परिसर में टहलते हुए देखा है।  लोग कहते हैं जो लोग संतान सुख से वंचित है। अगर वे इस मंदिर में आते हैं तो उनकी सूनी गोद जल्द भर जाती है।


पाँच सोमवार पूजा अर्चना करने से हनुमान जी उनकी मनोकामना शीघ्र पूरी करते हैं। इस मंदिर का नाम सिर्फ देश में ही नही बल्कि विदेशों में भी  खूब है। अमेरिका, कनाडा समेत कई देशी के सैलानी यहां अपनी अर्जी लगाने आते हैं।

यूँ हुआ मंदिर का निर्माण :

इस मंदिर का निर्माण क्यों हुआ इसके पीछे भी एक रोचक कहानी है। करीब पांच सौ साल पहले एक सखी नाम के बाबा थे। वे हनुमान जी के भक्त थे। एक रात उन्हें सपने में हनुमान जी ने दर्शन दिए और आदेश दिया उनकी प्रतिभा को उस जगह से लेकर आए। बाबा ने सुबह जाकर उस जगह पर खोजा तो उन्हें सखी वेश में हनुमान जी की प्रतिमा मिल गई। बैलगाड़ी पर उन्होंने प्रतिमा को रखा और वे यात्रा पर निकल गए।


जब वे इस रास्ते से गुजरे उन्हें रात को गई, तो बाबा वहीं रुक गए। जब दूसरे दिन वे चलने लगे तो उनकी गाड़ी का पहिया निकल गया। बैलगाड़ी को ठीक-ठीक कराते्र-कराते उन्हें रात हो गई। इसलिए उन्हें एक दिन और इस जगह पर ठहरना पड़ा।  तब उन्हें फिर से सपना आया, जिसमें उन्हें आदेश दिया गया कि प्रतिमा को यहीं रहने दे। तब सखी संत ने इस जगह प्रतिमा को स्थापित कर दिया। इसके बाद इस जगह पर मंदिर का निर्माण किया गया। जहां हनुमान के साथ ही शिव-पार्वती, राधा-कृष्ण और राम-सीता की प्रतिमाएं विराजमान है।

रामायण में है वर्णन :

स्त्री रूप में विराजमान हनुमान जी के दोनों हाथों में गदा हैं। करीब पांच सौ वर्ष पुराने इस मंदिर में हर दिन काफी संख्या में भक्त माथा टेकने आते हैं। वैसे हनुमान जी के स्त्री रूप का वर्णन रामायण में भी किया गया है। जनकपुरी में हनुमान जी ने सखी रूप धारण किया था। 



About Anonymous

MangalMurti.in. Powered by Blogger.