इच्छा पूर्ती करने वाली कामधेनु गाय
कौन है कामधेनु गाय और इतिहास में इसका वर्णन कहाँ है
श्रीमद भगवद गीता में भगवान कृष्ण नेअध्याय 10, 28 कविता में लिखा है
सुरभि या कामधेनु गाय आध्यात्मिक दुनिया से उतरी है और सब प्राणियों के लाभ के लिए स्वर्गीय क्षेत्रों से दिव्य अमृत की सुगंध से खुद प्रकट हुई है. दुनिया में सभी गाय जो भी अपना अस्तित्व रखती है इन्ही पवित्र गाय की वंशज है इसलिए वो सभी पवित्र है और हमेशा मानव को उनकी परवाह प्यार से करनी चाहिए ,सर्वोच्च सम्मान देना चाहिए और उनकी रक्षा करनी चाहिए
सपने में भी किसी भी तरह से गायों को नुकसान नहीं करना चाहिए और गाय के मांस खाने के बारे में सोचना भी पाप सामान है और ऐसे पापी का कोई प्राश्चित नहीं है.
dhenunam asmi kamadhuk
जिसका मतलब है dhenunam-गायो के बीच , asmi-मैं हूँ, kamadhuk-इच्छा को पूरी करने वाली गाय
अर्थात सब गायो के बीच मैं इच्छा को पूरी करने वाली गाय हूँ.

सपने में भी किसी भी तरह से गायों को नुकसान नहीं करना चाहिए और गाय के मांस खाने के बारे में सोचना भी पाप सामान है और ऐसे पापी का कोई प्राश्चित नहीं है.
गाय सभी प्राणियों की मां हैं। गाय वास्तव में 33 करोड़ देवताओं की जननी है और ब्रह्मांड में जिस भी सामग्री का अस्तित्व है वो गाय मां की वजह से हैं। गाय देवताओं की देवी है और सभी शुभ की वजह हैं। गौ माता हर प्रकार की खुशी प्रदान करने वाली है और इसी वजह से हमेशा पूजनीय हैं। गौ माता अपने दूध से सारे प्राणियों का पालन करने वाली है।
कामधेनु या Kamaduh पवित्र गाय है , जो हिंदू धर्म में सभी समृद्धि के स्रोत के रूप में माना जाता है। कामधेनु देवी का एक रूप (हिंदू देवी माँ) है या उपजाऊ धरती माता (पृथ्वी) है.