Diwali 2016

जानिये भाई दूज क्यों मनाया जाता है | Why Bhaidooj is celebrated?



भाईदूज भाई बहिन त्योहार है. ये भाई बहिन के प्रेम का  प्रतीक है. इसे मनाने के पीछे एक बहुत ही अद्भुत कहानी है जो इस प्रकार है।

भाई दूज की कथा 

भगवान् सूर्यदेव की पत्नी थी छाया। इनके दो संतान हुई है : युमना और यमराज। दोनों भाई बहिन में बहुत प्यार था।  युमना अपने भाई को हमेशा अपने घर भोजन पर  निमंत्रित किया करती थी पर व्यस्थ होने के कारण यमराज का आना नहीं हो पाता था.
एक बार की बात है यमुना ने यमराज को अपने घर खाने पर बुलाया। ये कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया की बात है. यमराज इस बार भोजन का निमंत्रण ताल नहीं पाए.  जैसे ही यमराज भोजन के लिए बहिन के घर की तरफ जाने लगे उन्होंने रास्ते में सारे नरक के जीवो को मुक्त कर दिया। जब वो बहिन के घर पहुचे यमुना की ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा. यमुना से आदर पूर्वक भाई को बिठाया और भोजन करवाया।  यमराज प्रसन्न होकर यमुना से बोले की कुछ मांग ले बहिन मुझसे। यमुना ने कहा की जैसे आज आप मेरे घर आये हो हर साल इसी दिन इसी तरह हर भाई अपनी बहिन के  घर जाए और भोजन करे और बहिन उसका टीका करके भोजन कराये। उसे आपसे( यानी यमराज का )डर न रहे.
यमराज से तथास्तु बोला और यमलोक लौट गए. तभी से ये पर्व भाईदूज के नाम से कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाता है. इस दिन भाई अपनी बहिन से उसके घर जाकर टीका करवाता है और उसके यहाँ भोजन करता है. जो भाई अपनी बहिन का आदर सत्कार और आतिथ्य स्वीकारते है उनहे यमराज का कोई डर नहीं रहता।

ऐसी है भाई दूज पर्व की महिमा।

मंगलमूर्ती परिवार की और से हर भाई बहिन को भाई दूज की शुभकामनाये। 

bhai dooj 2016, festival, diwali 2016
भाई दूज 



About AkanshaJain

MangalMurti.in. Powered by Blogger.