क्या है करवाचौथ ?
करवाचौथ का व्रत पूरे भारत में पूरे जोशो-खरोश से मनाया जाता है | आज के दिन विवाहित स्त्रीयां अपने पति की लम्बी उम्र के लिए कामना करती हैं | ऐसी मान्यता है की आज के दिन सूर्योदय से चंद्रोदय तक व्रत रखने से पति की उम्र में वृद्धि होती है और वो सारे दुःख और शारीरिक कठिनाइयों से मुक्त हो जाते है | यह व्रत शरद पूर्णिमा के चौथे दिन पड़ता है जिस वजह से इसे करवाचौथ व्रत कहते है | 'करवा' का अर्थ है मटका या घड़ा | इस दिन स्त्रीयां किसी मिट्टी के घड़े की पूजा करती है |करवाचौथ व्रत कथा :
करवाचौथ के व्रत और पूजा की शुरुवात आज से बहुत समय पहले हुई थी | एक प्रचलित कहानी इस बात की पुष्टि करती है | पहले के समय में शादी के बाद लड़की को अपने घर, गाँव और कभी कभी तो अपने प्रान्त को छोड़ के किसी दूर देश जाना पड़ता था | उस समय में बातचीत आज जितनी आसान नहीं थी और एक जगह से दूसरी जगह जा पाना आज जितना सुगम नहीं था | तब के समय में शादियों के बाद कितने महीने बीत जाते थे लड़की को अपने घर बात किये |
इस समस्या के निदान के लिए एक युक्ति निकाली गयी | गाँव की किसी दो घर की लड़कियों की शादी एक ही गाँव के किसी दो बिलकुल अलग घर में कर दी जाती थी | फलस्वरूप दोनों नवविवाहित स्त्रीयां दोस्त बन जाती थी और अपना सुख दुःख आपस में बाँट लिया करती | दोनों स्त्रीयों की इस दोस्ती को 'कंगन-सहेली' या 'धर्म-बहन' कहा जाता था | दोस्ती के इस बंधन को उत्सव के रूप में मनाने के प्रयास को करवाचौथ का नाम दिया गया |
चंद्रोदय का समय :
चंद्रोदय का समय उत्तरप्रदेश में : 8:35 pm
चंद्रोदय का समय मुंबई में : 09:21 pm
चंद्रोदय का समय राजस्थान में : 08:56 pm
चंद्रोदय का समय हिमाचल प्रदेश में : 08:43 pm
चंद्रोदय का समय पंजाब में : 08:49 pm
चंद्रोदय का समय हरयाणा में : 08: 48 pm
चंद्रोदय का समय बेंगलुरु में : 09:09 pm
चंद्रोदय का समय कलकत्ता में : 08:11 pm