ऐसी विजयदशमी मनाकर क्या सन्देश पहुचायेगे???
गली गली में रावण होगा, इस विजय दशमी पर हम जायेगे
देखकर उसका वध, हम और हमारे बच्चे मुस्कायेंगे
विजयदशमी का मेला देख और चाट खाकर आएंगे
सोचकर विजय दशमी हमने खूब मनाई ख़ुशी ख़ुशी सबको बतायेगे
ऐसा सोचकर मन में मेरे विचार एक ही आता है
ऐसी विजयदशमी मनाकर क्या सन्देश जाता है
एक तरफ
हो रहा नारी का अपमान गली गली में ,
भाई भाई का दुश्मन है
जीव जंतु के लिए प्यार नहीं
घर घर में लड़ाई झगडे है
भ्रष्टाचार हर जगह पर
अन्धकार ही अन्धकार है
लोभी ,अभिमानी , अज्ञानी मूरख इंसान
क्या रावण नहीं समान है ????
जब तक
हमारे अंदर जो माया मोह अभिमान लोभ रुपी रावण है
जब तक हम उसको नहीं जलायेगे,
तब तक ऐसी विजयदशमी मनाकर क्या सन्देश पहुचायेगे
नारी का सम्मान करो , जीवो पर दया करो ,
बुरा कभी न बोला करो, क्रोध मान लोभ त्याग दो
अपने बच्चो में प्रेम, परोपकार ,अहिंसा, सत्य जैसे संस्कार जब तक हम नहीं सिखाएंगे
असली विजयदशमी हम नहीं मना पाएंगे।।।।
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ऐसी विजयदशमी मनाकर क्या सन्देश पहुचायेगे??? |
विजय दशमी का पर्व आने वाला है. सबने तैयारी करी होगी की मेला देखने जाएगे, बच्चो को चाट पकोड़ी खिलाकर लायेगे , रावण को जलते हुए देखेगे मज़ा आएगा। मै बस इतना कहना चाहती हूँ क्या विजयदशमी मनाना इसे कहते है ? वास्तव में विजयदशमी एक पर्व है जो बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। पूरी दुनिया में इस समय अन्धकार ही अन्धकार है. कहीं नारी का अपमान हो रहा है , कहीं पशुओ की हत्या , कहीं लड़ाई है कहीं झकड़े। हमारे बच्चो में प्रेम, परोपकार ,अहिंसा, सत्य जैसे संस्कार छीन होते जा रहे है। मनुष्य लोभी और मतलबी होता रहा है. माया,मोह ,अभिमान ,लोभ रुपी रावण ने हमारे अंदर घर कर रखा है।
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ऐसी विजयदशमी मनाकर क्या सन्देश पहुचायेगे??? |
हम जब तक अपने अंदर और अपने बच्चो को प्रेम, परोपकार ,अहिंसा, सत्य जैसे संस्कार नहीं देंगे तब तक हमारे आसपास से रावण नहीं जल पायेगा।हाँ!! हमें गली गली में रावण को जलाना है अर्थार्त बुराइयो को दूर करना है और अच्छाइयों को फैलाना है। तभी हम वास्तव में विजयदशमी मना पाएंगे।
मंगलमूर्ति परिवार की आप सबको विजयदशमी की हार्दिक शुभकामनाये। आशा करती हूँ आपको मेरी सोच पसंद आई होगी। अगर जाने अनजाने में किसी के रीती रिवाज़ पर कटाक्ष हो गया हो तो क्षमा करे। कृपा करके अपनी प्रतिक्रिया कॉमेंट करे।