राहु केतु और शनि ऐसे ग्रह है ये जिस पर हाबी हो जाते है उसका घर बेकार कर देते है। हर व्यक्ति किसी ना किसी ग्रह दोष से परेशान रहता है, आज के समय में हर किसी के जीवन में कुछ ना कुछ परेशानियां है। इन दोषो ने निकलना बहुत जरूरी है लेकिन निकला जाये तो कैसे निकला जाये ये भी पता होना बहुत जरूरी है। हमे यह पता ही नहीं होता है हम किस दोष से ग्रस्त है और इसका क्या उपाय करना चाहिए। राहु-केतु ऐसे ग्रह है जिस ग्रह के साथ बैठेथे है वही पर अपना असर डालते है। राहु और केतु की अशुभ दशा से बचने के लिए यदि प्रारंभ में ही उपाय शुरू कर दिए जायें, तो बहुत अधिक हानि से बचा जा सकता है। जो आइये जानते हैं कि कैसे इनके प्रभावों से बचा जा सकता है।
जिन व्यक्तियों की जन्म कुंडली में शनि, राहु तथा केतु दोष हों, शनि की साढ़े-साती या ढैय्या से पीडित हों, तो वे व्यक्ति भैरव जयंती अथवा किसी माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी, रविवार, मंगलवार या बुधवार को बटुक भैरव मूल मंत्र ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरू कुरू बटुकाय ह्रीं' की एक माला (108 बार) प्रारम्भ कर रोजाना रूद्राक्ष की माला से 40 दिन तक जाप करें, निचिश्त रूप से शनि-राहु और केतु से शांति प्राप्त हो सकती है ।
जाने राहु दोष के लछण और उपाय
अगर आपकी कुंडली में राहु दोष आ रहा है और आपको इसकी जानकारी नहीं है तो आप कैसे पता करेंगे की राहु दोष है। उसके लिए हम आपको कुछ संकेत बताने जा रहे है जिससे आप अपने अंदर का राहु दोष पहचान सकते है। आपकी कुंडली में राहु दोष होने से आपको आर्थिक नुकसान, ताल मेल बिगड़ना, मानसिक तनाव रहना , बात बात पर गुस्सा करना, किसी को भी अपशब्द बोलना का सामना करना पड़ सकता है। राहु ग्रह की शांति करना बहुत जरूरी होता है।
इस दोष के निवारण के लिए आप घर में जप कराए, राहु मंत्र का गुणगान करे । यदि आपकी जन्म कुण्डली राहु अशुभ हो तो शांति के लिए राहु के बीजमंत्र ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः का 18000 की संख्या में जप करें। और राहु यन्त्र को अपने घर में रखे । राहु से पीड़ित व्यक्ति को शानिवार के दिन व्रत रखना चाहिए और गरीबो को भोजन और दान करना चाहिए । ऐसा करने से राहु गृह का प्रभाव कम होता है ।
यदि आपकी जन्म कुण्डली केतु गृह अशुभ हो तो शांति के लिए केतु गृह के बीजमंत्र ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः का १७००० की संख्या में जप करें और केतु गृह के यन्त्र को अपने घर के कोने में रखे । इससे आपको केतु ग्रह के दोष से शांति मिलेगी । केतु ग्रह से पीड़ित व्यक्ति को ज्यादा से ज्यादा दान करना चाहिए । और ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए ।
“ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” यह एक ऐसा शक्तिशाली देवी मंत्र है जिसके जप करने मात्र से सारे ग्रह दोष खत्म हो जाते हैं। यह मन्त्र सभी नौ ग्रहों की शांति में बहुत ज्यादा उपयोगी साबित होता है । रोजाना 108 बार इस मन्त्र के जाप से आपको सभी ग्रह दोष से शांति मिल सकती है।