हिन्दू धर्म में शनिदेव का उच्च स्थान माना जाता है । सब शानिदेव को न्यायधीश के रूप में जानते है क्योंकि मनुष्य जितने भी अछे बुरे काम अपने जीवन में करता है, शनिदेव उसी हिसाब से उसको फल देते है । इसलिए ही हम सब लोग बुरे काम करने से डरते है । शनिदेव किसी के घर को परेशानी ही परेशानी ला देते है और किसी की किस्मत चमका देते है। अछे लोगो के लिए शनि उसके देव है, उनके लिए शनिदेव शत्रु नहीं बल्कि उनके मित्र है । जो लोग पाप और अधर्म के रास्ते पर चलते है, शनिदेव उनका पीछा कभी नहीं छोड़ते है । यह एक ऐसे देवता है जो मोछ की प्राप्ति करा सकते है।
!! ॐ शं शनैश्चराय नमः !!
क्या आप जानते है शनिदेव का जीवन रहस्य
शनिदेव सूर्य के पुत्र और इनकी माता का नाम छाया है । शनिदेव अपनी सवारी गिद्ध से पुरे शनिमंडल में भर्मण करते है । माता छाया भगवान शिव की बहुत बड़ी भक्त थी । जिस समय माता छाया ने शनिदेव को जनम दिया तो शनिदेव का रंग काला था । ऐसा देखने के बाद सूर्यदेव को यह बिल्कुल भी पसंद नही आया और वो शनिदेव को अपना बालक स्वीकार नहीं कर पा रहे थे । माता छाया अपने पूजा के कारण शनिदेव के पालन पोषण में ध्यान नहीं दे पायी । शनिदेव अपना और अपनी माँ का अपमान देखकर अपने पिता सूर्यदेव से दूर रहने लगे ।
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार को यह सब जरूर करे
- सभी शनि भक्त को शनि मंदिर में जाकर शनि देव को फूल, तिल, तेल, गु़ड़ अर्पण करना चाहिए। शनि देव के नाम से दीप प्रज्वलित जरूर करना चाहिए।
- शनि महाराज की पूजा के पश्चात राहु और केतु की पूजा करना अच्छा होता है।
- इस दिन शनि भक्तों को पीपल में जल देना चाहिए और पीपल में सूत्र बांधकर सात बार परिक्रमा करनी चाहिए।
- शनिश्वर के भक्तों को संध्या काल में शनि मंदिर में जाकर दीप भेंट करना चाहिए और उड़द दाल में खिचड़ी बनाकर शनि महाराज को भोग लगाना चाहिए। शनिदेव का आशीर्वाद लेने के पश्चात आपको प्रसाद स्वरूप खिचड़ी खाना चाहिए।
- शनिदेव की पूजा के पश्चात उनसे अपने अपराधों एवं जाने-अनजाने जो भी आपसे पाप कर्म हुआ हो उसके लिए क्षमा याचना करनी चाहिए।
- शनिदेव की प्रसन्नता हेतु काली चींटियों को गु़ड़ एवं आटा देना चाहिए। शनिवार को काले रंग का वस्त्र धारण करना चाहिए।
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