क्या शनि शत्रु हैं ?
शनि देव को लेके प्रायः हमारे मन में ढेर सारी दुविधा और शंका बैठी हुई है | जैसे की शनि देव नष्ट करते है, वो विध्वंशक है, वो जल्दी ही क्रुद्ध हो जाते है परन्तु ये सब बाते मिथ्या है इस सूर्य पुत्र के बारे में | जी हाँ, शनि देव भगवान सूर्य और छाया के पुत्र है और यमराज के छोटे भाई हैं | भगवान शनि के गुस्सैल आचरण की वजह होने से ऐसी धरना बना ली है की वो हमेशा ऐसे ही रहते है पर ये बात गलत है | वो सिर्फ बुरों के साथ बुरे है और अच्छों के साथ अच्छा व्यवहार करते है |
भगवान शनि जी की आरती :
तो आइये हम आपको आज भगवान शनि देव की आरती पढवाते है जिसके पढ़ने से आप की आरी मनोकामना ओउर्ण होगी और शनि आपके शत्रु से मित्र बन जायेंगे |
शनि जी की आरती :
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी॥ जय.॥
श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी।
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥ जय.॥
क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥ जय.॥
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥ जय.॥
देव दनुज ऋषि मुनि सुमरिन नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी ॥जय.॥
इस आरती का पथ हर शनिवार, स्नान के बाद करें सब मंगल होगा |