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ये 4 तरीके दूर भगायेंगे डिप्रेशन को आपके जीवन से | The 4 ways to cure Depression



आज की इस दौड़ती भागती जिंदगी में हम बैंक बैलेंस के ग्राफ को सुधारने के चक्कर में अपनी शारीरिक और उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण अपनी मानसिक सेहत को ताक पर रख देते हैं | इसका खामियाजा हमें अशांत मन, कम उम्र में ही ज्यादा बूढ़ा दिखना, बालों का गिरना और रिश्तों में तनाव के रूप में हमें भुगतना पड़ता है | हम सब इन सवालों के जवाब तो चाहते हैं पर इनको खोजने नहीं निकलते | इसी वजह से हम आपके सामने आज का विशेषांक लेकर आये हैं जहाँ आपको सिर्फ इन 5 तरीकों को तन-मन-धन से पालन करना है जो आपके अशांत को सिर्फ 5 मिनट में काबू कर लेगा और आपको सुख की अनुभूति होगी |

1. आप जैसा सोचते है, वैसा ही बन जाते हैं :

क्या आपने कभी इस बात पे गौर किया की जब भी घर से ऑफिस निकलने से पहले आपने सड़क पर जाम में ना फसने के बारे में सोचा और उस दिन आपको हर रोज से ज्यादा जाम मिला ? ऐसा सिर्फ इसलिए होता है क्योंकि हम सिर्फ जाम में फँसने के बाद क्या होगा इस बारे में ही सोचते रह जाते हैं | 


हम ये सोचते ही नहीं की आज मै ऑफिस समय पर पहुँचूँगा | हम सिर्फ नकारात्मक बातों को सोचकर अपना आत्मविश्वास खो देते हैं और कम आत्मविश्वास की वजह से हम हर कदम परेशानी का सामना करते हैं और दिन के अंत तक एक नकारात्मक व्यक्ति बन कर रह जाते हैं | इसीलिए ज्यादा से ज्यादा सकारात्मक बाते कहने और सुनने की कोशिश करें |


2. नियमित रूप से योग करें :


योग सिर्फ इसलिए भी ज़रूरी नहीं की इसको नियमित करने से रोग हमारे शरीर से दूर रहता है बल्कि मानसिक रूप से भी हम तरो-ताज़ा और उर्जा से ओत-प्रोत हो जाते हैं | प्रत्येक दिन योग करने से हमारी मनः स्थिति और सोचने के तरीक एमे भी बदलाव आता है | इसलिए हमें योग को अपनाना चाहिए और अपने जीवन से शांति और दुखों को दूर कर देना चाहिए |

3. आप कोई सुपरमैन नहीं हैं :


आमतौर हमें खीस तभी होती है जब हम अपने अनुसार निर्धारित काम को समय से नहीं कर पाते | पर कभी कभी हम अपने सामर्थ्य के प्रतिकूल जाकर एक समय पर ढेर सारे काम अपने जिम्मे ले लेते हैं | जैसे की कभी फ़ोन पे बात करते हुए, लैपटॉप पे ऑफिस का काम निपटाते हुए, किचन में दूध गर्म करने को चढ़ा रखा है आपने और 15 मिनट पहले वाशिंग मशीन में डाले कपड़े अभी अभी धुल गए हैं और मशीन अब अलार्म बजा रही है | इस सब काम को एक साथ निबटाने के चक्कर में आपने कोई एक काम भी ठीक से नहीं किया | तो एक समय पर सिर्फ एक काम करिए और उसे पूरी शिद्दत से निभाइए |

4. जैसे ख़ुशी कुछ देर तक रहती है , वैसे ही दुःख भी क्षणिक हैं :


हमारा भगवान् को हमेशा से यही ताना रहता है की जब खुशियाँ आती है तबतो बस कुछ पल के लिए रहती है पर जब दुःख आता है तो अपने पैर पसार के हमारे जीवन में पड़ जाता है | पर इसके पीछे का कारण भी हम ही हैं | वो ऐसे की हम एक बुरी बात घटित होने के बाद उसी बात पे अटक जाते हैं उसके आगे बढ़ते ही नहीं | जबकि कोई खुशखबरी सुनने के बाद हमारी लाल्स्सा और भी ज्यादा बढ़ सी जाती है और आगे अपने अनुकूल फल ना पाकर हम नकारात्मक हो जाते हैं | हमें ये समझना होगा की अगर हम दुःख को पकड़ के ना बैठे और कुछ भी बुरा घटने के बाद भी आगे बढ़ते रहे तो हम सफलता को चूम सकते हैं |



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