क्या है शिव पुराण ?
महर्षि वेदव्यास द्वारा लिखित इस पुराण के नायक है स्वयंभू शिव | जिनसे ये सृष्टि गतिमान है, जो सर्वोच्च है, सर्वत्र है और शाश्वत हैं | उन शिव की महिमा और उनके पूजन अर्चन की विधि का वृतांत है शिव पुराण | शिव पुराण में भगवान शिव की उन लीलाओं का वर्णन है जो उनके भक्तों को प्रेरित करती है निरंतर धर्म के पथ पर चलने का |
चूंकि शिव पुराण के नायक शिव है और शिव का किरदार संहारक का है इसीलिए शिव ने अपने भक्तों को उन विषयों पर भी वो सारे तथ्य बताये है जिसे हम मृत्यु कहते हैं |
क्या हैं मृत्यु के वो 7 संकेत ?
- शिव पुराण में ऐसे ढेरों संकेत वर्णित है जो किसी व्यक्ति को मृत्यु से ठीक पहले मलते हैं | हमने भी अपने बुजुर्गों के मुह से ऐसे कुछ संकेतों के बारे में सुना है | तो आइये आज जानते है भगवान् शिव द्वारा बताये गए, मृत्यु के 7 संकेतों के बारे में |
- जिस व्यक्ति को अचानक नीली मक्खियां आकर घेर लें | उसकी आयु एक महीना ही शेष जाननी चाहिए |
- शिवपुराण में भगवान शिव ने बताया है कि जिस मनुष्य के सिर पर गिद्ध, कौवा अथवा कबूतर आकर बैठ जाए, वह एक महीने के भीतर ही मर जाता है |
- यदि अचानक किसी व्यक्ति का शरीर सफेद या पीला पड़ जाए और लाल निशान दिखाई दें तो समझना चाहिए कि उस मनुष्य की मृत्यु 6 महीने के भीतर हो जाएगी | जिस मनुष्य का मुंह, कान, आंख और जीभ ठीक से काम न करें, शिवपुराण के अनुसार उसकी मृत्यु 6 महीने के भीतर हो जाती है |
- त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) में जिसकी नाक बहने लगे, उसका जीवन पंद्रह दिन से अधिक नहीं चलता | यदि किसी व्यक्ति के मुंह और कंठ बार-बार सूखने लगे तो यह जानना चाहिए कि 6 महीने बीत-बीतते उसकी आयु समाप्त हो जाएगी |
- जब किसी व्यक्ति को जल, तेल, घी तथा दर्पण में अपनी परछाई न दिखाई दे, तो समझना चाहिए कि उसकी आयु 6 माह से अधिक नहीं है | जब कोई अपनी छाया को सिर से रहित देखे अथवा अपने को छाया से रहित पाए तो ऐसा मनुष्य एक महीने भी जीवित नहीं रहता |
- शिवपुराण के अनुसार जिस व्यक्ति को अग्नि का प्रकाश ठीक से दिखाई न दे और चारों ओर काला अंधकार दिखाई दे तो उसका जीवन भी 6 महीने के भीतर समाप्त हो जाता है |