क्यों की गयी हनुमान चालीस की रचना ?
कलियुग में जल्दी प्रसन्न होने वाले देवताओ में से एक देवता हैं हनुमान जी। हनुमान जी को प्रसन्न करने का सबसे सरल और सही उपाय हैं हनुमान चालीस का पाठ करना। हनुमान चालीस की रचना सेकड़ो वर्षो पूर्व गोस्वामी तुलसीदास जी ने की थी।
तुलसीदास जी ने हनुमान चालीस की रचना लोगो के कल्याण के लिए की थी। जिस समय तुलसीदास जी ने हनुमान चालीस की रचना की थी पर उनके गांव वाले लोग नीम के पेड़ के पास जाने से डरते थे। लोगो द्वारा माना जाता था उस नीम के पेड़ पर भूत पिशाच रहते हैं। लोगो के दर को दूर करने के लिए तुलसीदास जी ने हनुमान चालीस की रचना की। हनुमान जी को संकट मोचन विघ्न हर्ता के नाम से भी जाना जाता हैं।
क्या आप जानते हैं हनुमान चालीसा का एक ऐसा दोहा जिसने विज्ञान को भी पीछे कर दिया ?
कहा तो जाता हैं की गोस्वामी तुलसीदास जी ने हनुमान चालीस की रचना लोगो के मन से भय निकलने हेतु की थी। लेकिन हनुमान चालीस में तुलसीदास जी ने हनुमान जी के चरित्र का वर्णन करा हैं। हनुमान जी अपने बचपन से ही बहुत बहुत नटखट थे। एक दिन हनुमान जी के माता पिता तपस्या हेतु आश्रम गए और उनकी माता ने बोला की पके हुए लाल फल ही खाना। हनुमान जी को भूख लगी और उन्होंने सूर्य देव को देखकर सोचा की यह फल लाल और पाक हुआ लग रहा हैं। भूख के कारण हनुमान जी सूर्य को खाने के लिए उड़ गए और उन्होंने सूर्य देव को मुह लिया। इस घटना वर्णन करते हुए तुलसीदास जी ने एक दोहा हनुमान चालीस में भी लिखा हैं। इस दोहे में पृथ्वी से सूर्य की दुरी बताई गयी हैं जो की हमारा विज्ञानं अब बता रहा हैं। पृथ्वी से सूर्य की वर्षो पूर्व ही बता दिया था।
जुग सहस्र योजन पर भानु।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
इस दोहे का अर्थ सरल भाषा यह हैं की हनुमान जी ने सहस्र योजन की दूरी पर स्थित भानु मतलब सूर्य को मीठा फल समझकर खा लिया था।
हनुमान चालीस में लिखित दोहे के अनुसार पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी:
शास्त्रो के अनुसार एक युग में 12000 दिव्य वर्ष होती हैं।
एक युग = 12000 वर्ष
एक सहस्र = 1000
एक योजन = 8 मील
युग * सहस्र * योजन = पर भानु
12000 * 1000 * 8 मील = 96000000 मील
एक मील = 1.6 किलोमीटर
96000000 * 1.6 = 153600000 किलोमीटर
इस गणित के अनुसार तुलसीदास जी ने सेकड़ो वर्ष पूर्व ही अपनी रचना हनुमान चालीस में बता दिया था की पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी लगभग 15 करोड़ किलोमीटर थी।
तुलसीदास द्वारा बताई गयी सूर्य और पृथ्वी के बीच की दुरी को नासा ने भी सही बोला हैं। नासा के अनुसार भी पृथ्वी और सूर्य के बीच की दुरी लगभग 15 करोड़ किलोमीटर ही हैं।
विज्ञानं के अनुसार पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी :
विज्ञानं ने प्रीतिदिन बहुत प्रगति की हैं। विज्ञानं प्रत्येक विषय पर प्रयोग कर रहा हैं उसमे से एक विषय हैं पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी। विज्ञानं ने अनेक प्रकार के यंत्रो का प्रयोग कर पथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी को ज्ञात किया हैं। विज्ञानं द्वारा ज्ञात दूरी लगभग 15 करोड़ किलोमीटर हैं। यही दूरी तुलसीदास जी ने हनुमान चालीस के एक दोहे में बताई हैं।