Navratri 2017

कल स्कंदमाता की पूजा में अगर ये 4 उपाय करोगे तो रुके हुए ये 4 काम पूरे हो जायेंगे | How to worship Goddess Skandmata in Navratra ?



स्कंदमाता की कथा :


नवरात्र पर पांचवे दिन माँ के स्कंदमाता के रूप की पूजा की जाती है। स्कंदमाता भगवान कार्तिकेय की माँ है । नौ ग्रहों की शांति के लिए स्कंदमाता की खास पूजा अर्चना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि नवरात्र के पांचवे दिन स्कंदमाता को खुश करने से बुरी ताकतों का नाश होता है और बुरी नज़र से मुक्ति मिलती है। देवी के इस रूप कि पूजा से असंभव काम भी संभव हो जाते हैं। स्कंदमाता को ही पार्वती ,महेश्वरी और गौरी कहा जाता है। स्कंद्कुमार कि माता होने के कारण ही देवी का नाम स्कंदमाता पड़ा।

ताड़कासुर वध :

देवी का स्कंदमाता रूप राक्षसों का नाश करने वाली हैं। कहा जाता है कि एक बार ताड़कासुर नाम के भयानक राक्षस ने तपस्या करके भगवान ब्रह्मा से अजेय जीवन का वचन ले लिया जिससे उसकी कभी मृत्यु ना हो। लेकिन जब ब्रह्मा ने कहा की इस संसार में जो आया है उसे एक ना एक दिन जाना पड़ता है । तो ताड़कासुर ने कहा की यदि उसकी मृत्यु हो तो शिव के पुत्र के हाथो हो ब्रह्मा बोले ऐसा ही होगा । ताड़कासुर ने सोचा ना कभी शंकर जी विवाह करेंगे ना कभी उनका पुत्र होगा और ना कभी उसकी मृत्यु होगी लेकिन होनी को कौन टाल सकता है ।


ताड़कासुर ने खुद को अजेय मानकर संसार में हाहाकार मचाना शुरू कर दिया। तब सभी देवता भागे भागे शंकर जी के पास गये और बोले प्रभु ! ताड़कासुर ने पूरी सृष्टि में उत्पात मचा रखा है । आप विवाह नहीं करेगे तो ताड़कासुर का अंत नहीं हो सकता । देवताओं के आग्रह पर शंकर जी ने साकार रूप धारण कर के पार्वती से विवाह रचाया। शिव और पार्वती के पुत्र का जन्म हुआ जिनका नाम पड़ा कार्तिकेय। कार्तिकेय का ही नाम स्कंद्कुमार भी है स्कंद्कुमार ने ताड़कासुर का वध करके संसार को अत्याचार से बचाया स्कंद्कुमार की माता होने के कारण ही माँ पार्वती का नाम स्कंदमाता भी पड़ा । माना जाता है कि देवी स्कंदमाता के कारण ही माँ -बेटे के संबंधो की शुरुआत हुई।

देवी स्कंदमाता की पूजन विधि :

देवी स्कंदमाता की पूजा का विशेष महत्व है । स्कंदमाता अगर प्रसन्न हो जाये तो बुरी शक्तियाँ भक्तो का कुछ नहीं बिगाड़ सकती हैं। देवी की इस पूजा से असंभव काम भी संभव हो जाता है ।


उपाय (1) :
विवाह में आने वाली बाधा दूर करने के लिए ये उपाय बहुत ही कारगर है । 36 लौंग और 6 कपूर के टुकड़े लें । इसमे हल्दी और चावल मिलाकर इससे माँ दुर्गा को आहुति दें ।
उपाय (2) :
अगर आपको संतान की प्राप्ति नहीं हो रही है तो आप लौग और कपूर में आनार के दाने मिला कर माँ दुर्गा को आहुति दें जरुर लाभ होगा । संतान प्राप्ति का सुख मिलेगा ।
उपाय (3) :
अगर आप का कारोबार ठीक से नहीं चल रहा है तो दूर करने के लिए लौंग और कपूर में अमलताश के फूल मिलाएं , अगर अमलताश नहीं है तो कोई भी पीला फूल मिलाएं और माँ दुर्गा को आहुति दें आपका बिजनेस खूब फलेगा।
उपाय (4) :
जिन लोगों की विदेश यात्रा में कठिनाई या बाधा आ रही है वो मूली के टुकड़ों को हवन सामग्री में मिला लें और हवन करें, विदेश यात्रा का योग बनेगा।



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