*यह आर्टिकल राखी सोनी द्वारा लिखा गया है।
देखा जाए तो हमारे वेद-पुराणों में सिर्फ देवी-देवताओं को ही नहीं, बल्कि वृक्ष पूजन का भी विशेष महत्व है। कल्पवृक्ष, बरगद और पीपल समेत कई वृक्ष है, जिनसे हर व्यक्ति की आस्था जुड़ी हुई है। ऐसा माना जाता है कि पीपल वृक्ष में समस्त देवी-देवताओं का वास होता है। प्रतिदिन वृक्ष की पूजा करने से मनुष्य की हर मनोकामना आसानी से पूर्ण होती है।
पीपल के पेड़ का पूजन करने से दुश्मनों का नाश होता है। यह सुख सम्पत्ति, धन-धान्य,संतान सुख तथा सौभाग्य प्रदान करने वाला है। इसकी पूजा करने से ग्रह पीड़ा, पितृदोष, काल सर्प योग, विष योग तथा अन्य ग्रहों से उत्पन्न दोषों का निवारण हो जाता है। इसलिए हमारें वेदों में भी इस पेड़ के विभिन्न लाभों के बारे में j
वैसे तो पीपल के पेड़ की पूजा और परिक्रमा हर दिन करनी चाहिए, लेकिन अमावस्या और शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाना काफी अच्छा माना जाता है। जो लोग पितृ दोष से परेशान है, वे अमावस्या के दिन मीठा कच्चा दूध पीपल के पेड़ पर चढ़ाए। इसके साथ ही शनिवार को पीपल के पेड़ पर जल जरूर चढ़ाना चाहिए। साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ भी करना चाहिए। इससे सारे दोष दूर होते हैं। जल हमेशा तांबे के लोटे में भरकर ही चढ़ाना चाहिए। पांच या फिर सात प्ररिक्रमा भी लेनी चाहिए।
रविवार को पीपल के पेड़ की पूजा नहीं करनी चाहिए। शास्त्रों के अनुसार रविवार को पीपल पर जल चढ़ाने से जीव दरिद्रता को प्राप्त करते हैं। गरीबी उस व्यक्ति के साथ वास करने लगती है। पीपल के वृक्ष को कभी काटना नहीं चाहिए। ऐसा करने से पितरों को कष्ट मिलते हैं तथा वंशवृद्धि की हानि होती है। अगर जरूरी है तो पीपल के वृक्ष को सिर्फ रविवार को ही काटना चाहिए। इससे पहले पीपल देवता से माफी मांग लेनी चाहिए।
सरसों के तेल का दीपक भी पेड़ के नीचे प्रतिदिन जलाना चाहिए। इससे घर में पैसों की कमी नहीं होती है। आर्थिक मजबूती आती है और खुशहाली भी। नौकरी में जल्द प्रमोशन और बिजनेस में तरक्की के रास्ते भी खुलते हैं। अगर प्रतिदिन न हो सके तो शनिवार को संध्या काल में पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना चाहिए।
देखा जाए तो हमारे वेद-पुराणों में सिर्फ देवी-देवताओं को ही नहीं, बल्कि वृक्ष पूजन का भी विशेष महत्व है। कल्पवृक्ष, बरगद और पीपल समेत कई वृक्ष है, जिनसे हर व्यक्ति की आस्था जुड़ी हुई है। ऐसा माना जाता है कि पीपल वृक्ष में समस्त देवी-देवताओं का वास होता है। प्रतिदिन वृक्ष की पूजा करने से मनुष्य की हर मनोकामना आसानी से पूर्ण होती है।
होता है सभी पापों का नाश :
पीपल में विष्णु, लक्ष्मी, नारायण, हरी और सभी देवता निवास करते हैं। जो व्यक्ति प्रतिदिन पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाकर परिक्रमा लेता है, वे पितृ दोषों से मुक्ति पाता है इतना ही नहीं उस व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है। अगर पितृ दोष के कारण कामों में जो रुकावटें आ रही होती है, उनसे भी उसे मुक्ति मिलती है। ऐभी भी कहा गया है कि जो लोग पीपल के वृक्ष का रोपण करते हैं उनके पितृ मोक्ष प्राप्त करते हैं।पीपल के पेड़ का पूजन करने से दुश्मनों का नाश होता है। यह सुख सम्पत्ति, धन-धान्य,संतान सुख तथा सौभाग्य प्रदान करने वाला है। इसकी पूजा करने से ग्रह पीड़ा, पितृदोष, काल सर्प योग, विष योग तथा अन्य ग्रहों से उत्पन्न दोषों का निवारण हो जाता है। इसलिए हमारें वेदों में भी इस पेड़ के विभिन्न लाभों के बारे में j
वैसे तो पीपल के पेड़ की पूजा और परिक्रमा हर दिन करनी चाहिए, लेकिन अमावस्या और शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाना काफी अच्छा माना जाता है। जो लोग पितृ दोष से परेशान है, वे अमावस्या के दिन मीठा कच्चा दूध पीपल के पेड़ पर चढ़ाए। इसके साथ ही शनिवार को पीपल के पेड़ पर जल जरूर चढ़ाना चाहिए। साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ भी करना चाहिए। इससे सारे दोष दूर होते हैं। जल हमेशा तांबे के लोटे में भरकर ही चढ़ाना चाहिए। पांच या फिर सात प्ररिक्रमा भी लेनी चाहिए।