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संकट मोचन मंदिर :
संकट मोचक मंदिर हनुमान जी का एक अति सुन्दर और चमत्कारी मंदिर है। इस मंदिर को वानर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है क्योकी इस मंदिर के आस पास बंदरो की संख्या बहुत है। ऐसा प्रतीत होता है की श्री हनुमान जी अपनी वानर सेना के साथ इस मंदिर में रमे हुए है। यह मंदिर वाराणसी शहर के दक्षिण में स्तिथ है | नाम के अनुसार ही यह मंदिर अपने भक्तो के संकट दूर करने वाला है।
मंदिर विवरण :
यह मंदिर उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में स्थित है इस मंदिर के चारों ओर एक छोटा सा वन है। यहां का वातावरण एकांत, शांत एवं उपासकों के लिए दिव्य साधना स्थली के योग्य है। मंदिर के प्रांगण में श्रीहनुमानजी की दिव्य प्रतिमा स्थापित है। श्री संकटमोचन हनुमान मंदिर के समीप ही भगवान श्रीनृसिंह का मंदिर भी स्थापित है। ऐसी मान्यता है कि हनुमानजी की यह मूर्ति गोस्वामी तुलसीदासजी के तप एवं पुण्य से प्रकट हुई स्वयंभू मूर्ति है।
मंदिर निर्माण :
यह मंदिर आजादी के लिए लड़ने वाले पंडित मदन मोहन माल्विया ने 1900 के करीब बनवाया था। हनुमान जयंती पर माँ दुर्गा मंदिर से संकट मोचक मंदिर तक एक भव्य शोभा यात्रा निकाली जाती है। इस मंदिर में श्री राम के सामने श्री हनुमान जी की मुर्ती स्थापित है जो इस मंदिर को अन्य हनुमान मंदिर से अलग करती है।
कहा जाता है की इस मंदिर की सबसे पहले स्थापना गोस्वामी तुलसी दास जी ने की थी।
हनुमान मूर्ति विवरण :
इस मूर्ति में हनुमानजी दाएं हाथ में भक्तों को अभयदान कर रहे हैं एवं बयां हाथ उनके ह्रदय पर स्थित है। प्रत्येक कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को हनुमानजी की सूर्योदय के समय विशेष आरती एवं पूजन समारोह होता है। उसी प्रकार चैत्र पूर्णिमा के दिन यहां श्रीहनुमान जयंती महोत्सव होता है। इस अवसर पर श्रीहनुमानजी की बैठक की झांकी होती है और चार दिन तक रामायण सम्मेलन महोत्सव एवं संगीत सम्मेलन होता है।
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