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वो राक्षस हर खून की बूँद से उत्पन्न हो जाता था और नाम था उसका रक्तबीज | Story of demon Raktbeej



कौन था रक्तबीज ?

मार्कंडेयपुराण के अनुसार आज से हजारों वर्ष पूर्व धरती पर एक असुर हुआ करता था जिसका नाम था रक्तबीज | रक्तबीज ने भगवान ब्रह्मा की कठोर तपस्या की और उनसे ये वरदान माँगा की वो उसे अमर कर दें | भगवान ब्रह्मा ने उसे ऐसा वरदान देने से मना कर दिया पर इसके बदले में उन्होंने रक्तबीज को ये वरदान दिया की जब भी रक्तबीज किसी से युद्ध करेगा और उस युद्ध में अगर उसके तन से एक भी रक्त की बूँद धरती पर गिरेगी तो उससे एक नया रक्तबीज जन्म ले लेगा |


इस शक्तिशाली वरदान की वजह से रक्तबीज ने अनगिनत युद्ध जीते और धरती पर उसका दुराचार धीरे धीरे बढ़ता गया | रक्तबीज के बढ़ते उत्पात को ख़त्म करने के लिए सभी देवताओं ने मिलकर उसपर आक्रमण कर दिया पर उसके वरदान के आगे वो भी हार गए |

रक्तबीज वध कथा :


हारे हुए देवता माँ दुर्गा के पास सहायता मांगने पहुचे | माँ दुर्गा ने तब अपने सबसे प्रचंड स्वरूप माँ काली का रूप लिया और वो निकल पड़ी रक्तबीज का वध करने | रक्तबीज को सामने पा के माँ काली अपने रौद्र रूप में आ गयी | उन्होंने उसपर सीधा वार शुरू किया पर रक्त की हर एक बूँद के साथ एक नया रक्तबीज पैदा हो जाता था | ये देख कर माँ काली और भी रुष्ट हो गयी | तब उन्होंने अपनी जीभ का विस्तार किया और रक्तबीज के शरीर से गिर रही हर एक बूँद को वो सीधे अपने अन्दर लेने लगी | देखते ही देखते उन्होंने रक्तबीज का वध कर दिया |



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