कब है प्रदोष व्रत ?
बचपन में हम सबने अपनी माँ को प्रदोष व्रत की तिथि को लेके परेशान देखा होगा। कभी वो पञ्चांग दिखवाती तो कभी पंडित जी से पुछवाती। तब उनकी इस बेचैनी की कोई वजह नहीं समझ आती थी। बस इतना ही समझ आता था की कोई व्रत है जिससे भगवान खुश हो जाते हैं। आमतौर पर यह व्रत महीने में 2 बार पड़ता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार प्रदोष का व्रत रहने वालों पर भगवान्प शिव की विशेष कृपा रहती है। इसीलिए आज हम आपको वो सारे कारण बतायेंगे जिसे जानने के बाद आपके मन में भी इस व्रत की महिमा और महत्व दोनों ही बढ़ जायेंगे। तो आइये जाने प्रदोष व्रत के बारे में सब कुछ जिसे जानना हर व्रत धर्मी का अधिकार है।
क्यों रखते है प्रदोष व्रत ?
प्रदोष व्रत प्रत्येक मास की त्रयोदसी को रखा जाता है। ऐसी मान्यता है की आज के दिन व्रत रखने से हम सीधे भगवान शंकर के सानिध्य में चले जाते हैं। प्रदोष व्रत भगवान् भोले भंडारी को प्रसन्न करने के लिए रखा जाता है। व्रत रखने वाला शिव शंकर से निरोगी जीवन और भविष्य में सफलता की कामना रखते हुए इस व्रत का पालन करता है। शास्त्रों में इस बात का भी वर्णन है की जो भी प्रदोष व्रत का पालन पूरी निष्ठा और सात्विकता के साथ रखता है उसे 2 गायों के दान के बराबर पुण्य प्राप्त होता है। शास्त्रों में इस बात का भी वर्णन है की जब कलयुग में अपराध और अराजकता अपने चरम पर होगी तब सिर्फ यही एक ऐसा व्रत होगा जो लोगो में एक बार फिर से सद्गुण और उनके विचारों को सात्विक बनाएगा।
तो जल्दी से यहाँ जाने प्रदोष व्रत की तिथि और मुहूर्त :
दिन : सोमवार
तारीख : 24/04/17
तिथि : त्रयोदशी