भगवान शिव बहुत ही ज्यादा जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता हैं इसलिए उनके भक्त ही अपने इष्ट शिवजी को जल्दी प्रसन्न कर लेते हैं। शिवजी का दिन सोमवार माना जाता हैं। सोमवार के दिन उनके भक्त अत्यधिक उनको प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। और सावन शिवजी के लिए सबसे ज्यादा श्रेष्ठ महीना माना जाता हैं।
वैसे तो प्रत्येक मास की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि आती हैं परन्तु फाल्गुन मास और सावन मास की शिवरात्रि को महाशिवरात्रि के रूप में पूजा जाता हैं। शिव भक्तो का मन्ना हैं जो भी शिवजी से सच्चे मन से कुछ भी मांग ले उसको सब कुछ मिलता हैं।
शिव भक्तो के लिए सावन की शिवरात्रि का विशेष महत्व -
शिवभक्तों को सावन के महीने का बहुत ही बेसब्री से इंतजार होता हैं। फाल्गुन माह की महाशिवरात्रि के बाद शिव भक्त सावन मास का इंतजार करते हैं। सावन के महीने में शिवरात्रि के साथ साथ सोमवार के दिन भी बहुत ही श्रद्धा के साथ पूजा की जाती हैं। इस पावन महीने में शिवभक्त बम भोले, हर हर महादेव के नारे लगते हुए शिव भक्ति में लीन रहते हैं।
सावन की महाशिवरात्रि के दिन शिव भक्त उनका अभिषेक गंगाजल से करते हैं। बहुत से भक्त शिवजी का जलाभिषेक करने के लिए हरिद्वार, गोमुख, उज्जैन एवं अन्य पूज्य स्थानों से कांवड़ भी लाते हैं शिवरात्रि के दिन शिवजी का जलाभिषेक गंगाजल से करना बहुत ही पुण्यकारी कार्य माना जाता हैं।
मान्यता यह भी हैं की जो भी भक्त शिवजी की सच्चे मन से पूजा करता हैं और श्रद्धा भाव से उनका जलाभिषेक करता हैं तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं एवं उसके सभी कष्ट दूर होते हैं।
महाशिवरात्रि पर करेंगे शिवजी सभी कष्ट दूर -
शिवजी अपने सभी भक्तों का कष्ट तो दूर करते हैं ही परन्तु सावन के महीने में उनकी एक विशेष कृपा होती हैं। माना जाता हैं की इस महीने में शिवजी का रुद्राभिषेक करने से शिवजी अपने भक्तो को पापमुक्त कर देते हैं। इस महीने में शिवजी की बहुत ही ज्यादा कृपा बरसती हैं।
कालसर्प दोष से मुक्त होने के लिए भी शिवजी की पूजा की जाती हैं। इस दोष को दूर करने के लिए जातक ब्रह्म महूर्त में शिव मंदिर जाकर शिवजी की पूजा करें। धतूरा चढ़ाकर 108 बार शिव मंत्र का जप करें। साथ ही साथ चांदी के नाग नागिन का जोड़ा बनवाकर शिवजी पर चढ़ाये शिवजी आपको दोष मुक्त करेंगे।
शारीरिक पीड़ा से मुक्त होने के लिए महामृत्युंजय जाप करें। शिवजी आपको सभी प्रकार की शारीरिक पीड़ा से मुक्त करेंगे करेंगे।
सावन शिवरात्रि का मेला -
सावन की शिवरात्रि पर शिव के मंदिरों पर बहुत ही जोर शोर से मेला लगता हैं। सभी शिव भक्त शिव दर्शन करके मेले का आनंद लेते हैं। कांवड़िया शिवजी का जलाभिषेक करके अपने परिवार के लिए मेले से अवश्य ही कुछ न कुछ लेकर जाते हैं। जिससे शिव भक्तो को आनंद भी मिलता हैं और साथ ही साथ उनके कुछ भक्तों के लिए यह मेला उनकी जीविका का स्त्रोत्र बनता हैं। ऐसे ही शिवजी अपने सभी भक्तों का ध्यान रखते हैं।