गोवेर्धन पूजा हिन्दुओ का प्रमुख त्यौहार है । यह त्यौहार दिवाली के अगले दिन पुरे भारत वर्ष में मनाया जाता है । इस पर्व को अत्रकूट पूजा के नाम से भी जाना जाता है । गोवेर्धन पूजा का हमारे भारत में बहुत ज्यादा महत्व है । इस दिन गोधन यानि गाय की पूजा को जाती है । गाय को लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है । गोवर्धन पूजा कार्तिक मास की शुक्ल पछ की प्रीतिपदा को मनाया जाता है । गोवेर्धन पूजा भगवान कृष्ण के अवतार के बाद द्वापर युग से आरम्भ हुई थी ।
गोवेर्धन पूजा का महत्व | Significance Of Goverdhan Pooja
दिवाली के बाद गोवेर्धन पर्व मनाया जाता है और ऐसा माना जाता है कि भगवान कृष्ण का इंद्र के मान मर्दान के पीछे एक उद्देश्य था कि बृज में रहने वाले लोग गौ -धन के महत्व को समझे और हमारी गौ माता की रक्षा करे । गाय के द्वारा दिया जाने वाला दूध आज भी हमारे जीवन में बहुत महत्व रखता है इसलिए आज भी गायो का हमारे जीवन में बहुत महत्व है ।
बृज में आज भी एक पहाड़ी है जिससे गिरराज अथवा पर्वत का राजा माना जाता है और ये स्थान भगवान कृष्ण के समय का एक मात्र स्थायी स्थान है ।
गोवेर्धन पूजा विधि | Goverdhan Pooja-Vidhi
हमारे हिन्दू धर्म में गोवेर्धन पूजा का त्यौहार बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है । यह त्यौहार दिवाली के समय ५ दिन तक चलने वाले त्यौहार में से एक माना जाता है । इस दिन घर घर में गोवेर्धन पूजा की जाती है और ये पूजा ज्यादातर घर के आँगन में की जाती जाती है ।
इस दिन सब लोग अपने घर के आँगन में गाय के गोबर से गोबर्धननाथ की प्रतिमा बनाकर उसकी पूजा करते है । पूजा करने का सबका अपना अपना अलग अलग तरीका होता है । कुछ लोग गोवेर्धन पर्वत बनाकर उस पर माला चढ़ाकर सजाते है फिर जल , चावल , रोली , फूल और दीपक जलाकर गोवेर्धन की पूजा करते है और गोवेर्धन पर्वत की परिक्रमा लगते है ।
गोवेर्धन पूजा महूर्त | Goverdhan Pooja Mahurat
गोवेर्धन महाराज की पूजा शुभ घडी में करना ही शुभ माना जाता है । इस वर्ष ३१ अक्टूबर २०१६ को गोवेर्धन पूजा का पर्व मनाया जायगा ।
तिथि : ३१ अक्टूबर २०१६ , दिन : सोमवार
शुभ महूर्त : दोपहर ३:२० से साय ५:३२ तक
हमारे मंगलमूर्ति परिवार की तरफ से आपको और आपके परिवार को गोवेर्धन पूजा और दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं । हम आशा करते है आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आएगी, आप इस जानकारी को और लोगो तक भी भेज सकते है । और अधिक जानकरी लेने के लिए आप हमारी वेबसाइट www.mangalmurti.in पर जा सकते है । आपका दिन मंगलमय हो ।