क्या है कल्कि अवतार की कथा ?
कल्कि पुराण संस्कृत भाषा में लिखा एक बेहद ही महत्वपूर्ण ग्रन्थ है | ये पुराण बात करता है भगवान विष्णु के दशावतारों
में से सबसे आखिरी, यानि दसवें अवतार का, जिनका नाम कल्कि है | ये पुराण कल्कि भगवान के काल और जीवन की चर्चा करता है | सूत ऋषि द्वारा वर्णित इस पुराण की शुरुवात कलयुग के अंत से है |
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भगवान विष्णु अपने पूर्ण स्वरुप में |
क्या सच में सूख जायेंगी माँ गंगा :
इस कथन के उत्तर में भिन्न-भिन्न लोगो के भिन्न-भिन्न मत हैं | ऐसा भी मत बुद्धिजीवियों का है की कल्कि अवतार तब होगा जब गंगा नदी पूर्णतः सूख जाएँगी | ये तथ्य सही भी हो सकता है और गलत भी | गंगा का धरती पर अवतरण भागीरथ के कठोर तप और प्रयास से हुआ था | उन्होंने माँ गंगा को धरती पर अपने पूर्वजों की आत्मा को मोक्ष प्राप्ति हेतु बुलाया था |
चूंकि गंगा तो स्वर्ग में बहती थी तो वहाँ से प्रचंड वेग से सीधे धरती पर गिरने से धरती को काफी छति होती और जीवन असामान्य हो जाता | इसीलिए भगवान शिव ने माँ गंगा को अपनी जटाओं में बाँध लिया और उससे उनका वेग धरती पर गिरने से पहले शांत हो गया |
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माँ गंगा को जटा में धारण करते भगवन शिव |
ऐसी मान्यता है की जब धरती पर माँ गंगा पूर्णतः सूख जाएँगी तभी उस काल में भगवान कल्कि का जन्म होगा | कुछ बुद्धिजीवी ये भी कहते हैं की माँ गंगा कभी सूख नहीं सकती क्योंकि वो स्वर्ग में बहती है |
कब होगा कल्कि अवतार ? :
एक पौराणिक प्रमाण से ये बात पता चलती है की भगवान विष्णु का कल्कि अवतार दो युगों के मेल पर होगा | युगों को 4 वर्ग में बाँटा गया है, सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलयुग | जैसा की अभी हम सब जानते हैं की अभी कलयुग चल रहा है और इसके ख़तम होने के बाद सतयुग शुरू होगा | तो भगवान का जन्म कलयुग के अंत और सतयुग के प्रारंभ में होगा | कलयुग के 4,32,000 वर्षों में से सिर्फ 5,000 वर्ष ही ख़तम हुए हैं, मतलब की अभी भी 4,27,000 वर्षों के बाद ही कल्कि अवतार का संयोग बनेगा |
श्रीमदभगवत गीता में जैसा की उल्लेख किया गया है की विष्णु के दसवें अवतार कल्कि के पिता एक गरीब ब्राह्मण होंगे जिनका नाम 'यश' होगा और उनका जन्म 'संभल' नाम के गाँव में होगा | ये श्रीमदभगवत गीता की शक्ति और सनातन होने का प्रमाण है |
कब होगा कल्कि अवतार ? :
एक पौराणिक प्रमाण से ये बात पता चलती है की भगवान विष्णु का कल्कि अवतार दो युगों के मेल पर होगा | युगों को 4 वर्ग में बाँटा गया है, सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलयुग | जैसा की अभी हम सब जानते हैं की अभी कलयुग चल रहा है और इसके ख़तम होने के बाद सतयुग शुरू होगा | तो भगवान का जन्म कलयुग के अंत और सतयुग के प्रारंभ में होगा | कलयुग के 4,32,000 वर्षों में से सिर्फ 5,000 वर्ष ही ख़तम हुए हैं, मतलब की अभी भी 4,27,000 वर्षों के बाद ही कल्कि अवतार का संयोग बनेगा |
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भगवान के कल्कि स्वरुप का एक चित्र |