रुद्राक्ष क्या है ?
रुद्राक्ष एक किस्म का दाना या फल है | रुद्राक्ष के वृक्ष और पेड़ को ‘रुद्राक्ष वृक्ष ’ कहते है | उसी पेड़ मे फलने वाले फल को ही रुद्राक्ष कहते हैं | हिन्दु धर्म मे रुद्राक्ष के पेड़ और रुद्राक्षदाना दोनो का बहुत महत्व है | आज भी हम विभिन्न घरों मे रुद्राक्ष के पेड़ की पूजा करते है | हिन्दु धर्म मे रुद्राक्ष का स्थान बहुत ही ऊँचा है ! ये भी कहा गया हे की रुद्राक्ष स्वयं भगवान् शिव ही हैं और रुद्राक्ष दाना भगवान महादेव जी के प्रिय आभूषणों में से एक है | शिव पुराण,देवी भागवत और गीता मे रुद्राक्ष की महिमा की सम्पूर्ण जानकारी मिलती है |
कहाँ मिलता है रुद्राक्ष ?
रुद्राक्ष के वृक्ष विशेषकर नेपाल मे मिलते है | भारत मे रुद्राक्ष खासकर असम और हरिद्वार मे मिलता है लेकिन यहाँ मिले रुद्राक्ष मे ज्यादातर छेद नही होते | भारत में अन्य स्थानों पर भी रुद्राक्ष मिलता है लेकिन नेपाल की तरह गुणवत्ता नही होती है | रुद्राक्ष आदिकाल से बड़े-बड़े ऋषि, मुनि, साधु, सन्त, तपस्वियों ने धारण किया है और उसे धारण करने को प्रेरित भी करते हैं |
इन 6 तरीकों से करें असली रुद्राक्ष की पहचान :
रुद्राक्ष की पहचान के लिए हम आपको आज 6 तरीके बता रहे है जिनको सलीके से उपयोग करने पर आप गलत और सही रुद्राक्ष के बीच अंतर पहचान सकेंगे | तो पढ़िए ये 6 तरीके |
1- रुद्राक्ष को सरसों के तेल मे डालने पर रुद्राक्ष अपने रंग से गहरा दिखे तो समझो वो एक दम असली है।
1- रुद्राक्ष को सरसों के तेल मे डालने पर रुद्राक्ष अपने रंग से गहरा दिखे तो समझो वो एक दम असली है।
2- रूद्राक्ष को जल में डालने पर अगर यह डूब जाये तो असली अन्यथा नकली।
3- तांबे का एक टुकड़ा नीचे रखकर उसके ऊपर रूद्राक्ष रखकर फिर दूसरा तांबे का टुकड़ा रूद्राक्ष के ऊपर रख दिया जाये और एक अंगुली से हल्के से दबाया जाये तो असली रूद्राक्ष नाचने लगता है।
4- शुद्ध सरसों के तेल में रूद्राक्ष को डालकर 10 मिनट तक गर्म किया जाये तो असली रुद्राक्ष होने पर वह अधिक चमकदार हो जायेगा और यदि नकली है तो वह धूमिल हो जायेगा। प्रायः पानी में डूबने वाला रूद्राक्ष असली और जो पानी पर तैर जाए उसे नकली माना जाता है।लेकिन यह सच नहीं है। पका हुआ रूद्राक्ष पानी में डूब जाता है जबकी कच्चा रूद्राक्ष पानी पर तैर जाता है। इसलिए इस प्रक्रिया से रूद्राक्ष के पके या कच्चे होने का पता तो लग सकता है, असली या नकली होने का नहीं।
5- कुछ रूद्राक्षों में प्राकृतिक रूप से छेद होता है ऐसे रूद्राक्ष बहुत शुभ माने जाते हैं। जबकि ज्यादातर रूद्राक्षों में छेद करना पड़ता है।
6- रूद्राक्ष की पहचान के लिए उसे सुई से कुरेदें। अगर रेशा निकले तो असली और न निकले तो नकली होगा।