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हिन्दुस्तान के इन 4 मंदिरों में होती है रावण की पूजा | Ravana is worshiped in these temples of India 4



जी हाँ, बिल्कुल सही पढ़ा आपने | यहाँ कोई लिखने में गलती नहीं हुई है न ही ये तथ्य झूठे है | जहाँ हिन्दुस्तान में दशहरा को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है वही हमारे देश में ये 4 मंदिर भी हैं जहाँ रावण को उसके अंदर की अच्छाई के लिए पूजा जाता है | 


यूँ तो हम सबने श्री लंका में रावण के ढ़ेरों मंदिरों के बारे में सुन रखा है पर हिन्दुस्तान में भी उसके मंदिर होना और उसमे रावण की पूजा होना थोड़ा नया है हम सब के लिए | तो आइये आपको आज इस तथ्य से परिचित करवाते हैं और बताते है की ये चारों मंदिर कहाँ कहाँ स्थित हैं |

1. रावण मंदिर बिसरख, गौतमबुद्ध नगर, उत्तर प्रदेश:


बिसरख गाँव को रावण के पिता विश्रवा ऋषि की तपोस्थली और रावण का जन्मस्थान कहा जाता है | दिल्ली एनसीआर में आने वाले इस गाँव में बीते साल एक ट्रस्ट द्वारा श्री राम और रावण की मूर्ति को मंदिर में स्थापित किया गया | इसके पीछे का उद्देश्य जानने पर पता चला की मंदिर निर्माता बिसरख को विश्रवा ऋषि की तपोस्थली के रूप में प्रसिद्द करना चाहते है | ये हिन्दुस्तान का एक मात्र ऐसा मंदिर है जहाँ रावण की मूर्ति प्रभु श्री राम के साथ स्थापित है |

2. दशानन रावण मंदिर, कानपुर, उत्तर प्रदेश :


कानपुर में स्थित ये रावण मंदिर साल में सिर्फ एक दिन खोला जाता है | जी हाँ, इस मंदिर के पट सिर्फ दशहरा वाले दिन रावण पूजा के लिए खोले जाते हैं | जो लोग रावण की विद्या और शक्तियों से प्रभावित होते हैं वो इस दिन रावण मंदिर के प्रांगढ़ में रावण की पूजा करते हैं | कानपुर के शिवाला क्षेत्र में स्थित ये मंदिर दशहरा के समय खासे आकर्षण का केंद्र होता है | ये रावण मंदिर रावण के इष्ट देव भगवान शंकर के दाहिने पर बनाया गया है | इस मंदिर का निर्माण 1890 के इर्द गिर्द हुआ था |

3. रावण ग्राम रावण मंदिर, मध्य प्रदेश :


मध्य प्रदेश के विदिशा शहर में रावण की लोकप्रियता चरम पर है | ये भारत का एकमात्र ऐसा शहर है जहाँ पूरा शहर दशहरा की ख़ुशी नहीं मनाता | इस शहर का इकलौता हीरो रावण है | कुछ लोग ऐसा कहते हैं की कान्यकुब्ज ब्राह्मणों ने इस मंदिर का निर्माण करवाया क्योंकि रावण भी कान्यकुब्ज ब्राह्मण था और इसी वजह से इस समुदाय के लोगों ने इतिहास के पन्नो में हमेशा जीवित रहने के लिए ये कोशिश की | जब बाकी के शहर दशहरा के मेले में रावण को जलाकर अपनी खुशियाँ दोगुनी कर रहे होते हैं तब यहाँ विदिशा में लोग रावण को पूज कर अपनी बुद्धि और शक्ति अर्जन की प्रार्थना करते है | ऐसी मान्यता है की इ स्मंदिर में रावण की जो 10 फीट की मूर्ति लेटी पड़ी है अगर वो खड़ी हो गयी तो पृथ्वी पर भरी संकट आ जायेगा |

4. ककिनंदा रावण मंदिर, आंध्र प्रदेश :

आंध्र प्रदेश के एक तटवर्ती इलाके में बना ये मंदिर लंकापति रावण के साम्राज्य की बानगी है | इस मंदिर के बाहर बनी रावण की विशालकाय मूर्ति दशानन के साम्राज्य को दर्शाती है और बगल में बने भगवान शिव की मूर्ति रावण का अपने इष्ट देव के प्रति अखंडता का प्रतीक है |



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