भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल 24-02-2017 को महाशिवरात्रि के मौके पर कोयम्बटूर के ईशा योग केंद्र में शिव की 112 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। प्रतिमा को ईशा फाउंडेशन के फाउंडर सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने डिजाइन किया है। मोदी ने वासुदेव के साथ मंदिर की परिक्रमा की। इस जगह को ‘ध्यानलिंगा’ कहा जाता है। प्रतिमा को पत्थर की जगह स्टील के टुकड़े जोड़कर देसी तकनीक से तैयार किया गया है। नंदी की प्रतिमा को भी तिल के बीज, हल्दी, भस्म और रेत-मिट्टी से बनाया गया है। इस मौके पर मोदी ने कहा, ”योग जिव्हा से शिवा तक का सफर है। जीव से शिव तक की यात्रा ही योग है। और भारत ने ही दुनिया को योग तोहफे में दिया है।” इस मौके पर भगवान शिव की इस विशाल प्रतिमा का डिजाइन करनेवाले सद्गुरू जग्गी वासुदेव भी मौजूद थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर कहा कि कई देव हैं लेकिन शिव को महादेव कहा जाता है। कई मंत्र हैं लेकन शिव के मंत्र को महामृत्युंजय मंत्र कहा जाता है। कई रात्रि हैं लेकिन शिव की इस रात को महाशिवरात्रि कहा जाता है। मैं सोमनाथ की धरती से हूं लेकिन राजनीति ने मुझे सोमनाथ से विश्वनाथ यानी काशी तक पहुंचाया। मैं जहां भी जाता हूं वहां शिव मेरे साथ होते हैं। उन्होंने प्रोग्राम में बुलाने के लिए सद्गुरू जग्गी वासुदेव का शुक्रिया किया। प्रधानमंत्री का स्वागत करने के लिए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई. पलानीसामी और राज्यपाल विद्यासागर राव मौजूद थे।
भगवान शिव की इस मूर्ति में कई खास बाते हैं।
- इस प्रतिमा की ऊंचाई 112 फीट है।
- मूर्ति का वजन 500 टन है।
- एक फीट रेप्लिका की कीमत 1.07 लाख है।
- नंदी प्रतिमा को तिल के बीज, हल्दी, भस्म और मिट्टी से बनाया गया है।
- दुनिया में स्टील से बना ये सबसे विशाल चेहरा है। प्रतिमा को पत्थर की जगह स्टील के टुकड़े जोड़कर देसी तकनीक से तैयार किया गया है।
- प्रतिमा को ईशा फाउंडेशन के फाउंडर सद्गुुरू जग्गी वासुदेव ने डिजाइन किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर कहा कि कई देव हैं लेकिन शिव को महादेव कहा जाता है। कई मंत्र हैं लेकन शिव के मंत्र को महामृत्युंजय मंत्र कहा जाता है। कई रात्रि हैं लेकिन शिव की इस रात को महाशिवरात्रि कहा जाता है। मैं सोमनाथ की धरती से हूं लेकिन राजनीति ने मुझे सोमनाथ से विश्वनाथ यानी काशी तक पहुंचाया। मैं जहां भी जाता हूं वहां शिव मेरे साथ होते हैं। उन्होंने प्रोग्राम में बुलाने के लिए सद्गुरू जग्गी वासुदेव का शुक्रिया किया। प्रधानमंत्री का स्वागत करने के लिए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई. पलानीसामी और राज्यपाल विद्यासागर राव मौजूद थे।