हर किसी के इच्छा होती है की यार किसी बड़े आदमी के घर शादी ब्याह अटेंड करने का मौका मिले। ऐसे में हम टी.वी, सिनेमा किसी नेता परेता की शादी की ही सोचते हैं। हमने कभी सोचा ही नहीं की जो क्षण भर में इस गतिमान पृथ्वी को रोक सकता है, यहाँ उथल पुथल ला सकता है और भरी से भरी प्रलय को आँख मीच के रोक भी सकता है उस शिव शंकर का ब्याह हम क्यों नहीं अटेंड करते ? तो आइये आज आपको हिंदुओ के महापर्व महाशिवरात्रि के बारे में बात करते हैं और आपको बताते हैं की इस साल फ़रवरी में किस दिन है महाशिवरात्रि।
फाल्गुन माह की कृष्ण चतुर्दशी को शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है की इसी दिन मध्यरात्रि में भगवान् शंकर का ब्रह्मा से रूद्र के रूप में अवतरण हुआ था। कई स्थानों पर मान्यता इससे भिन्न है अर्थात उन क्षेत्रों की मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान् शिव का विवाह माँ पार्वती से हुआ था। कहते है इस दिन सच्चे मन से की गई भक्ति आपके इच्छित फल की प्राप्ति का कारण बन सकती है। ऐसे तो साल में कुल 12 शिवरात्रियाँ आती है लेकिन उन सभी में से महाशिवरात्रि को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।
भोले बाबा को समर्पित यह दिन सभी हिन्दुओं के लिए बेहद महत्व रखता है खासकर महिलाओं और लड़कियों के लिए। माना जाता है महाशिवरात्रि का व्रत पुरे विधि विधान से रखने वाली लड़कियों को मनचाहा वर प्राप्त होता है। इसके साथ ही यह व्रत रखने से भोले बाबा बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते है और उपवासक की मनोकामना पूर्ण करते है। ऐसे तो इस व्रत को कोई भी स्त्री, पुरुष, बच्चा, युवा व् वृद्ध रख सकते है लेकिन कुंवारी कन्यायों के लिए इसका बेहद खास महत्व होता है।
वैसे तो हर सप्ताह के सोमवार का दिन भगवान शिव की आराधना का दिन माना जाता है लेकिन साल में शिवरात्रि का मुख्य पर्व जिसे व्यापक रुप से देश भर में मनाया जाता है दो बार आता है एक फाल्गुन के महीने में तो दूसरा श्रावण मास में। फाल्गुन के महीने की शिवरात्रि को तो महाशिवरात्रि कहा जाता है। इसे फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। और दूसरा श्रावण माह में मनाया जाता है जिसके दौरान श्रद्धालु कावड़ के जरिये गंगाजल लेकर आते हैं और उस गंगाजल से भगवान शिव को स्नान करवाते है।
हिंदुओ का महापर्व महाशिवरात्रि :
फ़रवरी का महीना दिनों में भले ही कम हो लेकिन उसमे आने वाले त्यौहार और उत्सवों का हिन्दू समाज में बेहद ख़ास महत्त्व है। आपकी जानकारी के लिए बता दें की वसन्त पंचमी में सरस्वती पूजा का सांस्कृतिक त्यौहार भी इसी माह में आता है। लेकिन इसके अलावा भी एक त्यौहार है जो हिन्दू धर्म में बेहद महत्व रखता है। जी हां, हम बात कर रहे है, महाशिवरात्रि की। महाशिवरात्रि, हिन्दुओं द्वारा मनाए जाने वाले सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है। जिसके प्रति श्रद्धा सभी भारतीयों में एक समान देखने को मिलती है। हिन्दू देवता भगवान् शिव को समर्पित यह पर्व सभी हिन्दुओं के लिए बेहद ख़ास महत्त्व रखता है।फाल्गुन माह की कृष्ण चतुर्दशी को शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है की इसी दिन मध्यरात्रि में भगवान् शंकर का ब्रह्मा से रूद्र के रूप में अवतरण हुआ था। कई स्थानों पर मान्यता इससे भिन्न है अर्थात उन क्षेत्रों की मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान् शिव का विवाह माँ पार्वती से हुआ था। कहते है इस दिन सच्चे मन से की गई भक्ति आपके इच्छित फल की प्राप्ति का कारण बन सकती है। ऐसे तो साल में कुल 12 शिवरात्रियाँ आती है लेकिन उन सभी में से महाशिवरात्रि को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।