Hinduism

सभी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए रखें सोमवार का व्रत | Importance of Monday Vrat of lord Shiva



सोमवार के दिन सभी प्रकार की मनोकामनाओं को पूरा करने वाला व्रत रखा जाता हैं।कलयुग में लोगों के पास केवल इच्छाएँ हैं परन्तु उनको पूरा करने का साधन बहुत कम हैं। दिन प्रतिदिन मन में नयी नयी इच्छाएं उत्पन्न होती रहती  मनुष्य उनको पूरा करने के लिए भागता रहता हैं। तो ज्यादा भागने से अच्छा हैं क्यों न यह व्रत रख लिया जाये।


यह व्रत शिवजी और माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए रखा जाता हैं। और शिवजी सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता हैं। इसी कारण शिवजी का एक नाम भोलेनाथ भी हैं।

सन्तान प्राप्ति हेतु रखे सोमवार को भोलेनाथ का व्रत :


भोलेनाथ का सोमवार व्रत सभी मनोकामनाओं को पूरा करता हैं और आज के युग में लोगों की सबसे बड़ी मनोकामना हैं संतान प्राप्ति की। इस व्रत में शिवजी को प्रसन्न किया  हैं और हमारा थोड़ा सा काम सरल कर देती हैं हमारी प्यारी माता पार्वती। इस व्रत की विधि बहुत ही ज्यादा सरल हैं। नारद पुराण के अनुसार शिवजी के व्रत की विधि इस प्रकार हैं की जो भी इस व्रत को रखे वह प्रातः काल उठकर स्नान करके घर के समीप शिव मंदिर जाये। शिवलिंग पर जल चढ़ाये और उसके साथ बेलपत्र भी चढ़ाये साथ में शिवजी की आरती भी करें। व्रत रखे तो शिव-गौरी पूजन अवश्य रूप से करें और इस व्रत की कथा भी पढ़े।


अगर इस व्रत को विधिवत रखा जाये तो निश्चित रूप से आपको संतान की प्राप्ति होगी। पुराने समय में एक साहूकार के धन की कोई कमी नहीं थी लेकिन उसके कोई संतान नहीं थी तो वो प्रतिदिन शिवजी का व्रत रखता था तब माता पार्वती ने शिवजी को बोला में इसकी पूजा प्रसन्न हूँ आप इसको फलस्वरूप संतान दें शिवजी ने मन किया परन्तु माता ही हठ के आगे झुकना पड़ा। शिवजी ने साहूकार को पुत्र प्राप्ति का आशीर्वाद दिया और बोला इसकी अल्पायु हैं। साहूकार तब भी शिवजी की पूजा प्रतिदिन करता रहा और उसकी पूजा का फल उसके पुत्र की दीर्घायु मिला।   

कुँवारी कन्याएँ अच्छा पति पाने के लिए रखती हैं सोलह सोमवार का व्रत :

कुँवारी कन्याएँ शिवजी के सोलह सोमवार के व्रत अपने अच्छे भविष्य और अच्छे पति को पाने के लिए रखती हैं। इस व्रत में कन्याये शिव-गौरी पूजन करती हैं। इस व्रत की विधि उप्पर लिखी विधि के जैसे ही हैं। जब सोमवार को शिवजी का व्रत रखा जाता हैं तो मन में बहुत ही ज्यादा श्रद्धा का भाव रखें।


वैसे तो यह व्रत केवल तीन प्रहार का होता हैं मतलब सन्ध्या तक ही यह व्रत होता हैं परन्तु यह व्रत बहुत ही ज्यादा भक्ति भाव से रखा जाना चाहिए। मन में भक्ति भाव होगा तभी तो हमारे देव हमसे प्रसन्न होंगे। जब सोलह सोमवार के व्रत पुरे हो जाये तो समाप्ति उद्द्यपान अवश्य करें।

धन प्राप्ति के लिए रखे सोमवार का व्रत :


शिवजी बहुत ही ज्यादा भोले हैं। अपने इसी स्वाभाव के कारण शिवजी प्रसिद्द हैं। शिवजी जितनी जल्दी प्रसन्न होते हैं और उतनी ही जल्दी रुष्ठ (गुस्सा) भी होते हैं तभी तो हम अपने प्यारे भगवान को भोलेनाथ भी बोलते हैं। अब कलयुग हैं तो लोगें की इच्छाएँ रुक ही नहीं सकती कभी कुछ तो कभी कुछ चाहिए ही। अब धन की इच्छा कैसे पीछे रह सकती हैं। आज के युग में सभी लोग धनवान होना चाहते हैं तो यह व्रत धन प्राप्ति के लिए भी रख सकते हैं। 



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