बचपन से एक बड़ा नन्हा, मासूम सा सवाल पेट में गुड़गुड़ किये हुए है। वजह भी बड़ी वाजिब है। जब पापा बाबू थे (ऑफिस वाला बाबू ) तब घर में एक ब्लैक एंड वाइट टी.वी हुआ करती थी वो भी सिर्फ दूरदर्शन के साथ। सत्यम, शिवम्, सुंदरम के घूमते चक्र के ख़त्म होते ही रामायण शुरू होता था। और फिर घर की दालान में मज़मा लगता था। मम्मी को, पापा को, बगल वाली दुबाईन को, वर्मा अंकल को, शिवानी को, बिट्टू को, हर किसी को श्री राम ही पसंद थे। सब उनके आते ही हाथ जोड़ लेते थे। पर मेरा मिज़ाज़ बचपन से ही धूम-धड़ाके वाले किरदारों को पसंद करता था। शायद इसीलिए मुझे over action वाली South Indian फ़िल्में पसंद आती हैं।
खैर, तो जब सारे श्री राम की भक्ति में लीन रहते थे तब मैं हुनमान जी का स्क्रीन पर इंतज़ार करता था। मतलब की पागल था उनके लिए। फिर वक़्त ने थोड़ी करवट ली, पापा की आमदनी बढ़ी, मम्मी ने बचत की और श्री राम के आशीर्वाद से हमारे घर में एक रंगीन टी.वी आयी वो भी डिश कनेक्शन के साथ। अब कोई दालान नहीं थी, कोई मजमा नहीं था न श्री राम का कोई इंतज़ार था। हनुमान जी यादों से निकल कर मम्मी के पूजा घर में फिट हो गए थे और दिमाग को एक नया हीरो मिल गया था 'सुपरमैन'।
भाई आपका छोटा सा, नन्हा सा, मासूम सा सवाल था क्या ?
थोड़ा धीरज धरिये बाबूमोशाय। हाँ तो दिक्कत ये हुई की अब एक conflict आ गयी। मैं जानबूझ कर या अनजाने में कंफ्यूज हो गया। मुझे समझ नहीं आ रहा था की मेरे दोनों पसंदीदा किरदारों में ज्यादा ताकतवर कौन था ? मेरा spiritual mind कहता की हनुमान जी से ज्यादा ताकत तो किसी में नहीं वहीँ मेरी movie freak soul कहती की सुपरमैन की पावर हनुमान जी से बहुत ज्यादा है। अब इस कुंठा का हल मुझे निष्पक्ष होके करना था। चूंकि हनुमान भगवान का अवतार हैं और सुपरमैन एक परग्रही तो दोनों की तुलना व्यर्थ है। पर अगर हम सिर्फ इन दोनों को इनकी ताकत पर आँके तो जवाब मिल सकता है।
तो हो जाए दो-दो हाथ :
हनुमान जी की शक्तियाँ |
सुपरमैन भैया की ताकत |
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अब अगर दोनों तरफ से 'आक्रमण' वाला ऐलान हो जाये और कहीं गदा बरसने लगे तो कहीं आँखें खुलने लगे तो जीत हार तो बाद में होगी पहले धुँआ भर के विध्वंस होगा। लेकिन अगर गौर से सोचो तो सुपरमैन की ताकत सूरज की किरणों से हैं और हम आपको याद दिला दें की बचपन में एक बार हनुमान जी ने सूरज को गेंद समझ अपने मुँह में भर लिया था। अगर इस बार भी हनुमान ने ऐसा कर दिया तो सुपरमैन की सारी शक्तियाँ तेज़ी से ख़त्म हो जाएँगी और उसके बाद तो हनुमान जी की पूँछ होगी और सुपरमैन की मूँछ।
तो जीता कौन ?
तो तमाम सबूतों और तथ्यों को मद्देनज़र रखते हुए हम इस फैसले पर पहुँचे हैं की हनुमान अगर भगवान हनुमान नहीं भी होते तब भी वो सुपरमैन को पूँछ में बाँध के उसके ग्रह छोड़ आते।