वर्तमान युग में लक्ष्मी प्राप्ति मनुष्य का सर्वप्रथम उद्देश्य रहा है, क्योंकि धन के बगैर कुछ भी संभव नहीं है। लक्ष्मी होना सौभाग्य और शक्ति का सूचक है। अभाव में जीना श्रेष्ठता नहीं है। ऐश्वर्यपूर्ण जीवन जीना तथा उसका उपयोग करना हर मनुष्य की प्राथमिकता है। साधना द्वारा धन प्राप्त करना तथा अन्य लोगों से स्वयं को शक्तिशाली बनाने के लिए नवरात्र उपयुक्त समय है।
कैसे करें लक्ष्मी पूजन ?
हिन्दुस्तान में हर कोई अगर किसी देवी को सबसे ज्यादा प्रसन्न करना चाहता है तो वो हैं देवी लक्ष्मी। हर कोई अपने अपने तरीके माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करना चाहता है। कोई मंहगी कथा पूजा करवाता है तो कोई 100-50 का प्रसाद चढ़ा कर ही अपना भला करवाना चाहता है। पर आज हम आपको बहुत ही आसन तरीके बताने वाले है जिसके पालन से आप माँ लक्ष्मी को बहुत ही जल्दी प्रसन्न कर सकते हैं।
श्री दुर्गा सप्तशती से इन सम्पुट मंत्रों में से कोई एक का अनुष्ठान करें या करवाएं। कठिन हो तो सिर्फ मंत्र की 11 या 21 माला रोज करें। यह भी कठिन लगे तो नित्य एक माला का जाप करें। हवन-पूजन नित्य करें
श्री दुर्गा सप्तशती से इन सम्पुट मंत्रों में से कोई एक का अनुष्ठान करें या करवाएं। कठिन हो तो सिर्फ मंत्र की 11 या 21 माला रोज करें। यह भी कठिन लगे तो नित्य एक माला का जाप करें। हवन-पूजन नित्य करें
"दुर्गे स्मृता हरसिभीतिम शेष जन्तो:
स्वस्थै: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।
दारिद्रयदु:ख हारिणी का त्वदन्या
सर्वोपकारणाय सदाऽर्द्रचित्ता।।"
********
"ते सम्मता जनपदेषु तेषां
तेषां यशांसि न च प्रसीदति धर्म वर्ग:।
धन्यास्त एव निभृतात्मज भृत्यदारा
येषां सदाभ्युदयदा भगवती प्रसन्ना।।"
स्वस्थै: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।
दारिद्रयदु:ख हारिणी का त्वदन्या
सर्वोपकारणाय सदाऽर्द्रचित्ता।।"
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"ते सम्मता जनपदेषु तेषां
तेषां यशांसि न च प्रसीदति धर्म वर्ग:।
धन्यास्त एव निभृतात्मज भृत्यदारा
येषां सदाभ्युदयदा भगवती प्रसन्ना।।"