*यह आर्टिकल राखी सोनी द्वारा लिखा गया है।
रामायण और महाभारत पुराण के बारे में हर किसी को जानकारी होगी। बस फर्क इतना है किसी को कम और किसी को ज्यादा, लेकिन कुंती के पुत्र भीम के बारे में तो सभी जानते हैं। भीम न सिर्फ बलशाली थे, बल्कि उनमें दस हजार हाथियों का भी बल था। भीम में जन्म से दस हजार हाथियों का बल नहीं था, बल्कि उनमें इतने बल कैसा आया, इसके पीछे भी एक रोचक कहानी है।
भीम बहते-बहते नागलोक में पहुंच गए, वहां उन्हें सभी सांपों में खूब डंसा, जिससे उनका जहर उतर गया। जब भीम को होश आया तो वे सांपों को मारने लगे। सभी सांप डर गए और वे नागराज वासुकि के पास पहुंचे। वहां आर्यन सांप ने भीम को पहचान लिया। तब आर्यन सांप ने नागराज से कहा कि भीम को उस कुण्ड का पानी पीने की अनुमति दे, जिसमें हजारों हाथियों का बल है। भीम ने इस कुंड का पानी पिया और हजारों हाथियों की शक्ति पाई। इस कुंड का पानी पीने के बाद भीम में इतनी शक्ति आ गई कि उन्होंने नर्मदा नदी के प्रवाह को भी रोक लिया था। शिविर के समाप्त होने के बाद पांडव और कौरव हस्तिनापुर के लिए निकल गए। जब सभी हस्तिनापुर पहुंचे तो युधिष्ठिर से माता कुंती ने अपने अन्य पुत्रों से भीम के बारे में पूछा। जब भीम नहीं मिले तब कुंती ने विदुर को बुलाया और भीम को ढूंढने के लिए कहा। तब विदुर ने सैनिकों को भीम को ढूंढने के लिए भेजा। कई दिनों तक सैनिक भीम को ढूढ़ते रहे। भीम के नहीं मिलने से दुर्याधन काफी खुश थे। जब भीम घर लौटे तो उन्होंने ये सारी बात अपनी मां और अपने भाईयों को भी बताई। युधिष्ठिक ने ये सारी बात अन्य किसी को बताने के लिए भीम से मना कर दिया।
बलशाली भीम पवनपुत्र के अवतार थे। भीम दूसरे नंबर के पुत्र थे। भीम युधिष्ठर के सबसे प्रिय भाई थे। भीम ने बलराम से गदा युद्ध सीखा था। भीम ने ही दुर्योधन और दु:शासन सहित गांधारी के 100 पुत्रों का नाश किया था। दोपद्री के अलावा भीम की एक और पत्नी थी हिडिंबा।
रामायण और महाभारत पुराण के बारे में हर किसी को जानकारी होगी। बस फर्क इतना है किसी को कम और किसी को ज्यादा, लेकिन कुंती के पुत्र भीम के बारे में तो सभी जानते हैं। भीम न सिर्फ बलशाली थे, बल्कि उनमें दस हजार हाथियों का भी बल था। भीम में जन्म से दस हजार हाथियों का बल नहीं था, बल्कि उनमें इतने बल कैसा आया, इसके पीछे भी एक रोचक कहानी है।