*यह आर्टिकल राखी सोनी द्वारा लिखा गया है।
दिनों दिन गर्मी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। गर्मी की वजह से सिर्फ इंसान ही नहीं, बल्कि मां काली भी परेशान हो उठती हैं। उन्हें भी इतनी गर्मी सताती है कि उन्हें हर समय एसी की ठंडी-ठंडी हवाएं चाहिए। एसी जरा सी देर के लिए बंद हुआ नहीं कि मां काली के भी पसीने छूटने लगते हैं। ये कोई कहानी नहीं है, बल्कि हकीकत मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर में स्थित मंदिर की। इस मंदिर में मां काली की भव्य मूर्ति है। इस मंदिर की स्थापना करीब छह सौ वर्ष पहले की गई थी। इस मंदिर की स्थापना गोडावना साम्राज्य की ओर से गई थी। जब से मंदिर स्थापित हुआ है, तब से ही इस बात का ध्यान रखा जाता है कि मां को गर्मी न लगे।
स्थानीय लोगों के अनुसार मां को जरा सी गर्मी सहन नहीं होती है। जब से इस मंदिर की स्थापना की गई है, तब से ही इस बात का ध्यान रखा जाता है कि मां को गर्मी न लगे। खासकर गर्मी शुरू होते ही इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है। जरा सी गर्मी होते हैं, मां की मूर्ति में से पसीना निकलना शुरू हो जाता है। पहले जब बिजली की व्यवस्था नहीं थी तो हर समय मां की सेवा में कोई न कोई भक्त लगा रहता था, उसकी जिम्मेदारी होती थी कि मां को गर्मी न लगे। समय के साथ कई चीज भी बदली है। इसी के साथ मंदिर में भी कई बदलाव किए गए हैं। पहले मंदिर में पंखों की व्यवस्था की गई और अब एसी लगाए गए हैं। गर्मी में हर समय इस मंदिर में एसी चलता रहता है। अगर लाइट चली जाती है तो एसी बंद होते ही कुछ ही मिनटों में मां काली को पसीने आने लगते हैं। यहां आने वाले भक्त जब इस अद्भुत नजारे को देखते हैं तो उन्हें भी अपनी आंखों पर विश्वास नहीं होता है।
मां काली की मूर्ति से पसीना कैसा निकलता है, इस बात की खोज करने के लिए कई बार यहां वैज्ञानिकों का दल भी आ चुका है। उन्होंने कई दिन यहां गुजारे, इस बात का पता करने के लिए आखिर गर्मी की वजह से मां की मूर्ति में पानी कैसा निकलता है। लेकिन मां के चमत्कार के आगे उन्हें भी अपना शीश झुकाना पड़ा। उनके पास भी इस चीज का कोई जवाब नहीं हैं।
मां के दरबार में वैसे तो हर दिन ही लोगों की भीड़ रहती है, लेकिन नवरात्र के दिनों में यहां पैर रखने की भी जगह नहीं होती है। दूर-दूर से यहां श्रद्धालु यहां माथा टेकने के लिए आते हैं। इतना ही नहीं, काफी संख्या में यहां विदेशी पर्यटक भी आते हैं। वे इस चमत्कार को देखकर अपने दांतों तले अंगुली दबा लेते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस चमत्कारिक मूर्ति से जो भी भक्त सच्चे मन से कुछ भी मांगता है, उसकी सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती है।
दिनों दिन गर्मी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। गर्मी की वजह से सिर्फ इंसान ही नहीं, बल्कि मां काली भी परेशान हो उठती हैं। उन्हें भी इतनी गर्मी सताती है कि उन्हें हर समय एसी की ठंडी-ठंडी हवाएं चाहिए। एसी जरा सी देर के लिए बंद हुआ नहीं कि मां काली के भी पसीने छूटने लगते हैं। ये कोई कहानी नहीं है, बल्कि हकीकत मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर में स्थित मंदिर की। इस मंदिर में मां काली की भव्य मूर्ति है। इस मंदिर की स्थापना करीब छह सौ वर्ष पहले की गई थी। इस मंदिर की स्थापना गोडावना साम्राज्य की ओर से गई थी। जब से मंदिर स्थापित हुआ है, तब से ही इस बात का ध्यान रखा जाता है कि मां को गर्मी न लगे।