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ईश्वर को लगाएं इन प्रसाद का भोग, शीघ्र होंगी मनोकामना पूर्ण | What to offer to our Gods ?



*यह आर्टिकल राखी सोनी द्वारा लिखा गया है। 

बात जब खाने की आती है तो हर व्यक्ति को कोई न कोई खाना बेहद पसंद होता है। कोई खास मिठाई भी होती है, जिसे देखकर उसके मुंह में पानी आ जाता है। इसी तरह हमारे देवी-देवताओं को भी खास तरह का भोग पसंद होता है।


वैसे तो भगवान को हर भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार भोग अर्पित करता है, लेकिन अगर उन्हें उनकी पसंद के अनुसार भोग अर्पित किया तो वे न सिर्फ प्रसंन होते हैं, बल्कि शीघ्र मनोकामना भी पूरी करते हैं। इस लेख के जरिए हम ऐसे खास भोगों के बारे में बता रहे हैं,  जो देवी- देवताओं को विशेष रूप से प्रिय है।

भोले को धतूरा है पंसद :


ये बात तो सभी जानते हैं कि गणेश जी को मोदक काफी प्रिय है। इसलिए उन्हें बेसन और मोतीचूर के लड्डू अर्पित करने चाहिए। जबकि भोलेनाथ को मिठाइयां नहीं बल्कि भांग और धतूरा बेहद प्रिय है। इसलिए उन्हें इस चीज का भोग लगाना चाहिए।

हलुवा का भोग लगाने से खुश होती है माता :


माता दुर्गा को हलवा, केले और नारियल का भोग लगाना चाहिए और इन्हें फल भी अतिप्रिय है। जबकि माता सरस्वति को सफेद मिठाई, दूध और दही का भोग लगाना चाहिए।


अगर आप चाहते हैं कि लक्ष्मी की कृपा आपके घर पर हमेशा बनी रहे तो मां लक्ष्मी को पीली मिठाइयों और पीले मीठे चावल का भोग लगाएं। इसी तरह राधा जी को रबड़ी का प्रसाद काफी प्रिय है और श्रीकृष्ण को माखन-मिश्री का भोग लगाने से वह मन की मुराद जरूर पूरी करते हैं।


रामभक्त हनुमान को पेड़े और गुड़ चने अतिप्रिय है। जबकि भैरव नाथ को उड़द के बने पकवानों का भोग लगाना चाहिए। विष्णु को सूजी का हलुवा का भोग लगाना चाहिए। ध्यान रहें इनके भोग में तुलसी जी जरूर होनी चाहिए।

इसलिए चढ़ाते हैं भोग :

वैसे भगवान को भोग हम क्यों चढ़ाते हैं, इस वर्णन भी हमारे ग्रंथों में किया गया है। ऐसी भी मान्यता है कि भगवान को प्रसाद चढ़ाने से घर में अन्न के भंडार हमेशा भरे रहते हैं। श्रीमद् भागवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि जो कोई भक्त प्रेम से अपनी श्रद्धा के अनुसार मुझे फल, फूल , मिठाई और जल का भोग लगाता है, मैं उसे प्रेम के साथ ग्रहण करता हूं।


इसके साथ ही भोग में तुलसी का होना भी जरूरी होता है। वैसे तुलसी के पौधे में कई गुण भी होते हैं, जिससे व्यक्ति स्वस्थ रहता है। कहा जाता है कि तुलसी के स्पर्श से भी रोग दूर होते हैं।  तुलसी रक्तचाप और पाचनतंत्र के नियमन में तथा मानसिक रोगों में यह लाभकारी है। इसलिए भगवान को भोग लगाने के साथ ही उसमें तुलसी डालकर प्रसाद ग्रहण करने से भोजन अमृत रूप में शरीर तक पहुंचता है। एक बात का ध्यान रहें कि तुलसी का पत्ता गणेश जी को अर्पित नहीं करना चाहिए।



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