आज हिन्दुस्तान भर में रामनवमी की धूम है। हर कोई राम लला के जन्मोत्सव को बड़ी ही धूमधाम से अपने अपने अंदाज में मना रहा है। चैत्र नवरात्र की नवमी को ही राम-जन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं। आज ही नवरात्र का आखिरी दिन भी है। दशमीं तिथि लगते ही नवरात्र समाप्त हो जायेंगे। अक्सर आपके दिमाग में ये सवाल गूंजता होगा ना कि आखिरकार नवरात्रि और रामनवमी का कनेक्शन क्या है। तो आइए इस गहन रहस्य पर से पर्दा उठाते हैं।
दरअसल मां दुर्गा ने चंड, मुंड, शुंभ, निशुंभ, चिक्षुपर, महिषासुर जैसा दानवों का वध किया था तो वहीं दूसरी ओर भगवान राम ने रावण का वध किया था। भगवान राम ने भी माँ दुर्गा की उपासना की थी ताकि वो रावण पर विजय प्राप्त कर सकें। राम और मां दुर्गा दोनों ने अन्याय और अधर्म के विरुद्ध युद्ध किया था। पुराणों के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की उपासना से शक्ति प्राप्त की थी।
राम का अर्थ होता है- 'रमन्ते योगिनो यस्मिन् स राम:' अर्थात् योगिगण अपने ध्यान में जिन्हें देखते हैं, वे हैं राम। राम का तंत्र में अर्थ है कल्याणकारी अग्नि और प्रकाश। जबकि मां दुर्गा शक्ति, शांति की मानक हैं इसलिए नवरात्रों में रामचरित-मानस का विधान है और जातक दुर्गा पूजा के साथ-साथ रामकथा का भी पाठ करते हैं।
दुर्गा-सप्तशती संपूर्ण रूप से तंत्र-ग्रंथ है। रामकथा मोक्ष या योग या कैवल्य की ओर ले जाने वाली विद्या है। राम ऋषि संस्कृति के प्रतीक पुरुष हैं। भारतीय संस्कृति ऋषि-संस्कृति तथा कृषि-संस्कृति का सम्मिलित स्वरूप हैं। दोनों ही नवरात्रों में भगवान राम को भी पूजा जाता है चैत्र नवरात्र में जहां प्रभु श्री राम का जन्मदिवस मनाते हैं वहीं शारदीय नवरात्रि में दशहरा मनाने का प्रावधान है। रावण पर विजय के कारण इसे विजयादशमी भी कहते हैं।