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पूजा करते समय कभी गलती से भी ना करें ये भूल | Never do these mistakes while worshiping



*यह आर्टिकल राखी सोनी द्वारा लिखा गया है।


हर चीज के कुछ नियम कायदे होते हैं। जैसा भोजन करने का भी अपना ही नियम होता है। स्कूल और ऑफिस जाते समय भी कुछ नियमों का पालन करना होता है। इसी प्रकार भगवान की पूजा-अर्चना करने का भी नियम होता है, लेकिन उन नियमों के बारे में बहुत कम लोगों को ही जानकारी होती है। विशेष बात तो ये है कि ये नियम काफी कठिन नहीं है, बल्कि काफी सरल है। इसलिए इन नियमों का पालन हर व्यक्ति आसानी से कर सकता है।  जो लोग उन नियमों के साथ पूजा अर्चना करते हैं। उनसे भगवान जल्दी प्रसन्न होते हैं और उनकी हर मनोकामना भी पूरी करते हैं। आज इस लेख के जरिए हम डालेंगे एक नजर पूजा करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखा जाए।

इन ख़ास बातो का रखे ध्यान :


  • पूजा करते समय सबसे पहले देवी-देवताओं का सच्चे मन और भक्ति से स्मरण करें। उन्हें स्नान कराएं, आसन दें और पुष्प अर्पित करें और भोग लगाएं। इसके साथ ही अपनी कुल देवी-देवताओं और पितृओं का भी स्मरण जरूर करें। इसके साथ ही कोई भी शुभ काम करने से पहले पंचदेव की पूजा करना अनिवार्य होता है। श्रीगणेश, सूर्यदेव, मां दुर्गा, शिवजी और भगवान विष्णु को पंचदेव कहा जाता है, इनकी पूजा अवशय करनी चाहिए।
  • पूजा करते समय तेल और घी का दीपक जलाना चाहिए। इसके लिए सफेद रुई का ही इस्तेमाल करना चाहिए। ध्यान रखें तेल का दीपक हमेशा बाएं हाथ की ओर और घी का दीपक दाएं हाथ की तरफ ही प्रज्जलित करें। 
  • पूजाघर की सफाई का ध्यान रखें। सूखे फूलों को हटा दें। पूजा करते समय भगवान को चावल भी अर्पित भी करें। ये चावल खंडित न हो। इन्हें हल्दी से पीला करके अर्पण करना और अधिक शुभ होता है। 
  • अगर आप विष्णु भगवान की पूजा अर्चना कर रहे हैं तो उन्हें पीला रेशमी कपड़ा अर्पित करें, जबकि मां दुर्गा को लाल कपड़ा अधिक प्रिय है। जबकि शिवजी को सफेद कपड़े अधिक प्रिय है। 
  • पूजा करने के बाद परिक्रमा भी लगाएं। ये भी पूजा करने का एक नियम है।  हमेशा शिवलिंग/ भगवान शिव की 1/2, गणपति बाबा की 3, विष्णु जी की 4 और सूर्य भगवान की 7 परिक्रमा करनी चाहिए। पीपल वृष की ५ या फिर सात परिक्रमा लगानी चाहिए। 
  • भगवान शिव को प्रतिदिन जल चढ़ाने से व्यक्ति अपने सारे पापों से मुक्ति पाता है, लेकिन ध्यान रखें कि भगवान भोले को कभी भी शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए। 
  • पूजा करते समय जमीन पर नहीं बैठना चाहिए, बल्कि आसन का प्रयोग करना चाहिए। इस आसन पर पैर नहीं लगाने चाहिए। इससे भी भगवान क्रोधित होते हैं।  
  • पूजा करने के बाद भगवान को भोग जरूर चढ़ाना चाहिए। वैसे तो भगवान को मिठाइयों का भोग लगाना अच्छा होता है, इसकी जगह मिश्री , ड्राई फू्रट्स और फल का भी भोग लगा सकते हैं।



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