*यह आर्टिकल राखी सोनी द्वारा लिखा गया है।
२४ जून से गुप्त नवरात्र की शुरुआत होने जा रही है। इस बार २४ जून को ही शनि अमावस्या भी है। ऐसा संयोग कभी-कभी होता है, जब शनि अमावस्या और गुप्त नवरात्र एक ही दिन होते है। वैसे अधिकांश लोगों को गुप्त नवरात्र के बारे में जानकारी नहीं होती है। अधिकतर लोग चैत्र और अश्विन मास के नवरात्र के बारे में ही जानते हैं। जबकि ये नवरात्र आषाढ़ और माद्य पक्ष के शुक्ल पक्ष में बनाए जाते हैं। नौ दिन मां की भक्ति करने से भक्त न सिर्फ आर्थिक रूप से मजबूत होते हैं, बल्कि सभी दुखों से भी मुक्ति पाते हैं।
गुप्त नवरात्र क्यों मनाए जाते है, इसका जिक्र हमारे पुराणों में भी किया गया है। इसके पीछे एक कथा का वर्णन किया गया है। कथा के अनुसार एक बार ऋषि श्रंगी अपने भक्तों को प्रवचन दे रहे थे। तब भीड़ में से एक स्त्री ने कहा कि उसके पति गलत आदतों में घिरे रहते हैं और इस वजह से उसे ईश्वर की भक्ति भी नहीं करने देते हैं। इसके लिए कुछ ऐसा उपाय बताओ, जिससे मेरे पति को बुद्धि आए और मैं धर्म के कार्य में अग्रसर हो सकूं। तब ऋषि बोले कि तुम मां की भक्ति करो, वासंतिक और शारदीय नवरात्र में तो हर कोई मां की पूजा करता है, लेकिन इनके अलावा वर्ष में दो बार गुप्त नवरात्र भी आते हैं इनमें 9 देवियों की बजाय 10 महाविद्याओं की उपासना की जाती है। यदि तुम गुप्त नवरात्र में मां की पूजा अर्चना करूंगी तो तुम्हें सभी सुख प्राप्त होंगे। इसके बाद उस स्त्री ने मां की भक्ति की और उसका पति सही रास्ते पर चलने लगा।
सुबह घटस्थापना के साथ ही व्रत करने का संकल्प लें। मां की सच्चे मन से भक्ति करें और अष्टमी या फिर नवमी को कन्याओं को भोजन कराएं। मां से अपनी मनोकामना पूर्ण करने की प्रार्थना करें।
२४ जून से गुप्त नवरात्र की शुरुआत होने जा रही है। इस बार २४ जून को ही शनि अमावस्या भी है। ऐसा संयोग कभी-कभी होता है, जब शनि अमावस्या और गुप्त नवरात्र एक ही दिन होते है। वैसे अधिकांश लोगों को गुप्त नवरात्र के बारे में जानकारी नहीं होती है। अधिकतर लोग चैत्र और अश्विन मास के नवरात्र के बारे में ही जानते हैं। जबकि ये नवरात्र आषाढ़ और माद्य पक्ष के शुक्ल पक्ष में बनाए जाते हैं। नौ दिन मां की भक्ति करने से भक्त न सिर्फ आर्थिक रूप से मजबूत होते हैं, बल्कि सभी दुखों से भी मुक्ति पाते हैं।
ये हैं कथा :
ऐसे करे पूजा अर्चना :
शनि अवामस्या को करें ये उपाय :
- इस बार गुप्त नवरात्र के साथ ही शनि अवामस्या भी पड़ रही है। इस दिन कुछ उपायों को अपनाकर व्यक्ति अपनी किस्मत बदल सकता है। इसके साथ ही पितृ कृपा भी पा सकता है। इसलिए इस दिन ये उपाय जरूर करें।
- सुबह स्वच्छ होकर भोजन बनाएं। गाय को रोटी दें और काले कुत्ते को सरसों का तेल लगाकर रोटी खिलाएं। कोओं को खीर खिलाएं। इससे पितृ कृपा बनी रहेगी।
- पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जरूर जलाएं। उनसे सुख सुविधा की कामना करें।