Hinduism

हनुमान जी के जीवन के कुछ ऐसे रहस्य, जिनको पढ़कर हो जायेंगे आप हैरान



हनुमान जी के भगवन श्री राम के सबसे बड़े भक्त हैं। हनुमान जी के बिना रामायण का पूरा होना असम्भव था क्युकी हनुमान जी रामायण के मुख्य पत्रों में से एक थे। राम एवं रावण के युद्ध में केवल हनुमान जी ही ऐसे योद्धा थे, जिनको कोई भी किसी भी प्रकार की हानि नहीं पंहुचा पाया था। 

अब आपको हम हनुमान जी के बारे में कुछ ऐसी बाटे बताएंगे जो ना तो अपने पहले कभी सुनी होंगी ना ही कभी देखी होंगी। हनुमान जी के जीवन के बहुत सारे रहस्य हैं जिनमे से कुछ हम आपको बता रहे हैं। 

लंका दहन में क्यों नहीं जलाया विभीषण का भवन -


हनुमान जी जब माता सीता से दूत रूप में मिलने लंका जाते हैं तो वो सारी लंका जला देते हैं परन्तु उन्होंने अशोक वाटिका एवं विभीषण के भवन को ही क्यों छोड़ा। अशोक वाटिका में माता सीता का वास था और साथ ही वाटिका में बहुत सारे पेड़-पौधे थे। और विभीषण का भवन छोड़ने का कारण भी इसमें से एक था विभीषण के भवन के बाहर तुलसा जी रखी थी और उसके भवन के ऊपर राम भी लिखा हुआ था। यही दो कारण थे जिनकी वजह से हनुमान जी ने लंका में केवल अशोक वाटिका और विभीषण के भवन को नहीं जलाया था। 

जिस समय विभीषण भगवान श्री राम की शरण में आया था तब सुग्रीव ने उसको दुष्ट बताकर दुत्कारा था तब हनुमान जी ने विभीषण की वकालत करते हुए बोले ये दुष्ट नहीं शिष्ट हैं। और यह भी बोला की जो भी एक बार मेरी शरण में आ जाता हैं उसका वो त्याग नहीं करते हैं। 
विभीषण भी हनुमान जी के जैसे सशरीर जीवित हैं अभी भी। विभीषण ने हनुमान जी शरण में आकर उनकी वंदना की और एक स्त्रोत की रचना की। इस स्त्रोत को 'हनुमान वडवानल ' स्त्रोत कहते हैं।  

हनुमान जी का कलयुग में भी जीवित होना -


१३ वीं शताब्दी में माधवाचार्य, १६ वीं शताब्दी में तुलसीदास, १७ वीं शताब्दी में रघुवेंद्र स्वामी एवम २० वीं शताब्दी में रामदास सभी भक्तो का दावा हैं की उनको हनुमान  जी का साक्षात्कार हुआ हैं। 
हिन्दू धर्म शास्त्रों एवं पुराणों में भी लिखा हैं की हनुमान जी कलयुग के अंतिम चरण तक रहेंगे। कलयुग का अंत विष्णु जी कलिंग का अवतार लेकर करेंगे। 

देवताओं में क्यों प्रमुख देव माना जाता हैं -

हनुमान जी कई कारणों की वजह से प्रमुख माना जाता हैं। मुख्य कारणों में से एक कारण यह भी हैं की हनुमान जी के पास स्वयं की शक्ति हैं उनके पास कोई नारी शक्ति नहीं हैं। दूसरा कारण यह हैं की पूर्ण शक्तिशाली होने पर भी हनुमान जी पूर्ण मन से भगवन को समर्पित हैं। तीसरा मुख्य कारण यह भी हैं की जब हनुमान जी भक्त उनको पुकारते हैं तो वो तुरंत उनकी सहायता करते हैं। चौथा प्रमुख कारण यह भी हैं की वो आज भी सशरीर बह्रामंड में हैं। ईश्वर के अलावा के हनुमान जी ही एक शक्ति हैं जो सशरीर हैं। 

माता जगदम्बा के परम भक्त हैं हनुमान -


हनुमान जी श्री राम के जैसे माता जगदम्बा के भी भक्त हैं। माता जगदम्बा की सेवा में हनुमान जी सदैव उनके आगे-आगे चलते हैं तथा भैरो बाबा माता जगदम्बा के पीछे-पीछे। ऐसा भी कहा जाता हैं जंहा पर माता जगदम्बा का मंदिर होगा वंहा पर हनुमान जी की प्रतिमा अवश्य ही होगी। 



About Unknown

MangalMurti.in. Powered by Blogger.