हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार सभी देवी देवताओं को एक विशेष स्थान प्राप्त हैं। और सभी देवी देवता अपने पद के अनुसार ही कार्य करते हैं। परन्तु हनुमान जी सभी प्रकार के दुखों को हारते हैं।
इस संसार में मनुष्य केवल एक ही बात से डरता हैं और वो हैं मृत्यु, मृत्यु भय से मनुष्य अच्छे प्रकार के कार्य करता हैं। और केवल एक ऐसा ही भय होता हैं मनुष्य के मन जिसकी वजह से वो ईश्वर को याद करता हैं। यह भी कहा जा सकता हैं की इस भय से दूर रहने के लिए केवल यही एक सहारा हैं की ईश्वर की अच्छे मन से आराधना की जाये।
मनुष्य की कुंडली में होते हैं कुछ ऐसे गृह-
मनुष्य की कुंडली में कुछ अच्छे तो कुछ बुरे भी गृह होते हैं जो की मनुष्य की बर्बादी भी कर देते हैं। राहु, केतु जैसे गृह अपनी मनमानी करते हैं और मनुष्य को उसके बदले बहुत कुछ झेलना पड़ता हैं।
हनुमान जी ऐसे देवता हैं जिनसे ये गृह डरते हैं तो जरूरी हैं की मनुष्य हनुमान जी को प्रसन्न रखे। हनुमान जी जल्दी प्रसन्न होने वाले देवताओ में से एक हैं और उनको प्रसन्न करना भी बहुत सरल हैं।
कष्टों से मुक्ति पाने के लिए करें ऐसी पूजा -
हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए बहुत ही साधरण और सरल तरीके से करें। हनुमान चालीसा, सुन्दर कांड, हनुमाष्टक, बजरंग बाण का नित्य पाठ और मंगलवार के हनुमान जी के दर्शन करना।
जब हनुमान जी के दर्शन करने जाये तो उनको सिन्दूर भी अवश्य लगाए। यह सभी प्रकार के उपाय हैं जो की कष्टों से मुक्ति दिलाते हैं। लेकिन इन सब बातों के बावजूद कुछ अन्य बाते भी हैं जिनको ध्यान में रखना अति आवश्यक हैं, जैसे की पूजा के समय किस मूर्ति या चित्र को देखकर कैसा फल प्राप्त होता हैं।
किस प्रतिमा की पूजा करने पर होते हैं हनुमान जी जल्दी प्रसन्न-
वैसे तो हनुमान जी के बहुत सरे चित्र और बहुत सारी प्रतिमाएं हैं परन्तु कुछ ऐसे चित्र हैं जिनकी पूजा करने से हनुमान जी जल्दी ही प्रसन्न हो जाते हैं। हनुमान जी को जल्दी प्रसन्न करने के लिए ऐसे चित्र की पूजा करें जिसमे हनुमान जी भगवान श्री राम माता सीता एवं लक्ष्मण की चरणों में भक्ति भाव में बैठे हो।
जब भगवान स्वयं ही इतनी भक्ति भाव में होंगे तो वो जल्दी आपकी भक्ति और पूजा से होंगे। ऐसी तस्वीरें जिनमे हनुमान जी स्वयं ही भक्ति में लीन हैं, उसकी पूजा करने से आपको मानसिक शक्ति प्राप्त होती हैं और साथ ही साथ आपकी एकाग्रता में भी वृद्धि होती हैं।
हनुमान जी की पूजा में ध्यान रखने वाली एक आवश्यक बातें -
हनुमान जी एक बल ब्रह्मचारी थे तो वो कन्याओं से दूर ही रहते थे। वह सभी को अपनी माता समझते थे। तो सभी माताओ एवं बहनो को एक बात को सदैव ध्यान में रखना चाहिए की हनुमान जी की प्रतिमा को कभी स्पर्श ना करें दूर से ही हनुमान जी के दर्शन करें। वैवाहिक दंपत्ति कभी भी में हनुमान जी का चित्र ना रखे उनका स्थान केवल और केवल पूजा घर में ही रखे।