हिन्दू धार्मिक ग्रंथो के अनुसार आज वैशाख माह में अमावस्या के दिन वैशाख अमावस्या का पर्व पूरे भारतवर्ष में मनाया जा रहा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार वैशाख अमावस्या का विशेष महत्व है। वैशाख अमावस्या के दिन शनि देव जयंती भी मनाई जाती है।
पुराणों के अनुसार इस दिन भगवान शनि देव का जन्म दोपहर में 12 बजे हुआ था। शनि देव राशि के स्वामी है तथा भगवान सूर्य देव का पुत्र है। अतः वैशाख अमावस्या के दिन शनि जयंती भी मनाई जाती है। तो आज मनाये जाने वाले इस अति पवित्र पर्व पर क्या खास करना है और क्या नहीं हम इस लेख में आपसे साझा करने वाले हैं।
पुराणों के अनुसार इस दिन भगवान शनि देव का जन्म दोपहर में 12 बजे हुआ था। शनि देव राशि के स्वामी है तथा भगवान सूर्य देव का पुत्र है। अतः वैशाख अमावस्या के दिन शनि जयंती भी मनाई जाती है। तो आज मनाये जाने वाले इस अति पवित्र पर्व पर क्या खास करना है और क्या नहीं हम इस लेख में आपसे साझा करने वाले हैं।
वैशाख अमवस्या पूजन विधि :
- वैशाख अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठे, नित्यकर्म से निवृत होकर पवित्र नदियों गंगा, यमुना अथवा सरोवरों में स्नान करे।
- तत्पश्चात सूर्य देव को अर्घ्य दे और प्रवहित जल धारा में तिल प्रवाहित करें।
- इस दिन पीपल वृक्ष में जल का अर्घ्य दे।
- तत्पश्चात शनि देव की पूजा तेल, तिल और दीप जलाकर करे एवम शनि चालीसा का पाठ करे ।
- इस दिन निम्न मन्त्र का अवश्य जाप करें:
नीलांजनं समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम
छायामार्तण्ड सम्भूतं तं नमामि शनैश्वरम्